अब वरुण गांधी ने भी साधा मोदी सरकार पर निशाना, किसानों को आर्थिक सहायता देने के नाम पर मचता है हाहाकार

वरुण गांधी

आरयू वेब टीम। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जहां एक ओर किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार घेर रहे हैं, वहीं अब  बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी अपने भाई राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए अपनी सरकार के खिलाफ हमला बोला है।

वरुण गांधी ने इंडिया डायलॉग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के किसानों की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में किसानों को अधिकतर योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। देश में जब भी किसानों को आर्थिक सहायता देने की बात आती है तो हाहाकार मच जाता है।

वरुण ने कहा कि साल 1952 से लेकर 2019 तक देश के 100 उद्योगपतियों को जितना पैसा दिया गया, उस रकम का केवल 17 प्रतिशत धन ही केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों को अब तक दी गई। यानी देश की 70 प्रतिशत आबादी को बीते 67 सालों में जितनी आर्थिक मदद राज्य और केंद्र सरकारों ने मिलकर दी है, उससे कई गुना ज्यादा पैसा केवल 100 धनी परिवारों को दे दिया गया। इससे ज्यादा शर्मनाक आंकड़ा कुछ नहीं हो सकता है।

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वरुण ने आगे कहा कि देश के किसानों की ऐसी हालत क्यों है? इसे समझने के लिए मैं बताता हूं कि देश में होने वाले कुल फल उत्पादन का 56 प्रतिशत शुरुआती 96 घण्टे में अच्छी कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था के अभाव में सड़ जाता है। अकेले उत्तर प्रदेश में हर साल 2000 टन उत्पादन होता है और यह बीते 15 साल से हो रहा है। मगर राज्य में कुल कोल्ड स्टोरेज भंडारण क्षमता 70 से 100 टन है, जिसका फायदा केवल बड़े किसान ही उठा पाते हैं।

वरुण गांधी ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि भारत की मंडियों में किसानों के लिए अपने उत्पाद बेचने की खातिर इंतज़ार का औसत समय 1.6 दिन है। जब उसे इतना इंतजार करना पड़ता है तो वो कई बार वो मजबूरन अपना उत्पाद औने-पौने दाम पर बेच देता है।

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वहीं आकड़ों का हवाला देते हुए वरुण गांधी ने कहा कि देश में 1947 से बंटाईदारी अवैध है, लेकिन बिहार में 60 प्रतिशत, झारखंड में 70 प्रतिशत, यूपी में 50 प्रतिशत, एमपी में 60 प्रतिशत किसान बंटाई की जमीन पर खेती करते हैं और सीमांत किसान कहलाते हैं। उसे बैंकों से कर्ज नहीं मिलता और स्थानीय महाजन से उसको 40 फीसद की दर से कर्ज लेने की मजबूरी होती है। इसलिए किसानों के नाम पर आंसू मत बहाइए, बल्कि रणनीतिक सुधार के लिए काम करिए।

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