अधिकारियों को ऊर्जा मंत्री की चेतावनी, भ्रष्‍टाचार व गड़बड़ी की तो विजलेंस करेगी संपत्ति की जांच, बिजली आपूर्ति, चोरी, बिल व मीटर से जुड़े निर्देश भी दिए

संपत्ति की जांच
अधिकारियों के साथ बैठक करते कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर से विद्युत आपूर्ति व अन्‍य मुद्दों को लेकर आ रही शिकायतों को लेकर अब योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को सख्‍त इरादा जाहिर किया है। उर्जा मंत्री ने आज प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन यूपी पावर कारपोरेशन को निर्देश दिया है कि जिस अधिकारी की भ्रष्टाचार, विद्युत व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने की शिकायतें हों,  उनके खिलाफ विजिलेंस टीम को साथ लेकर उनकी संपत्ति की जांच कराये, जिससे इनकी 15 से 20 वर्ष की काली कमाई का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में बेवजह बिजली कटौती की शिकायतें गंभीर मामला है। प्रदेश को तय रोस्टर के अनुरूप ही विद्युत आपूर्ति की जानी चाहिए।

जनता, मीडिया व जनप्रतिनिधियों को दें जानकारी

आज शक्ति भवन में विद्युत आपूर्ति, बिलिंग, बिजली चोरी, नवनिर्मित विद्युत गृहों, ट्रांसमिशन समेत अन्‍य बिन्‍दुओं पर समीक्षा बैठक कर रहे ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि किसी वजह से अगर विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है, तो इसकी जानकारी जनता, मीडिया तथा जनप्रतिनिधियों को अधिकारी जरूर दें। जानबूझकर विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

मिल रहीं शिकायतें, अधिकारी करें औचक निरीक्षण

बिजली आपूर्ति के शड्यूल पर निर्देश देते हुए श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील/ब्लाक मुख्यालय को 20 घंटे, जिला मुख्यालयों व महानगरों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रही है। इसी प्रकार, ट्रांसफार्मर बदलने की शहरों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे का समय तय किया गया है, लेकिन प्रदेश भर से इसका अनुपालन न होने की शिकायतें मिल रही हैं। इसके लिए अधिकारी उपकेन्द्रों में जाकर अपने अधीनस्थों की कार्यप्रणाली की नियमित मॉनीटरिंग और औचक निरीक्षण भी करें।

हर महीने उपभोक्‍ताओं को दें सही बिल

बिजली के बिल में लगातार सामने आ रही गड़बड़ी की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री ने निर्देशित करते हुए अधिकारियों से कहा कि बिलिंग एजेंसियां हर महीने प्रत्येक उपभोक्‍ता को समय पर सही बिल दें। इसके अलावा उपकेंद्रों पर ही मीटर संबंधी शिकायतों का निस्तारण किया जाए, इसके लिए उपखण्ड अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाय। उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। शहरों में मीटर रीडिंग की स्थिति बहुत खराब है। प्रदेश के 2.50 करोड़ उपभोक्ताओं के बिलिंग को देखते हुए इस कार्य को कार्ययोजना बनाकर पूरा करें।

बिल जाम नहीं करने पर काट दिया जाए कनेक्‍शन

वहीं श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पांच किलोवॉट तक भार वाले उपभोक्ताओं द्वारा दो माह तक अपना बिजली बिल न जमा करने पर कनेक्शन काट दिया जाए। साथ ही बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एफआइआर करने के लिए साक्ष्य के रूप में बिजली चोरी का वीडियो भी साथ रखें।

तीन महीने में लग जाएं सभी सरकारी कार्यालयों में मीटर

इसके साथ ही नगर निगमों समेत यूपी के सभी सरकारी कार्यालयों एवं आवासों में भी अगले तीन महीने के अंदर स्मार्ट मीटर लगाये जायं। इसके अलावा फैक्टरियों, कोल्ड स्टोरेज, होटलों, रेस्टोरेन्ट, गेस्ट हाउस में बिजली चोरी रोकने के लिए इनका वास्तविक लोड भी निकालें।

अब नहीं चलेगी मनमानी, 15 जुलाई से पहले दूर करें शिकायतें

उर्जा मंत्री ने शिकायतों को देखते हुए कहा कि अब टीजी-2, लाइनमैन व अवर अभियंताओं की मनमानी नहीं चलेगी। सभी विद्युत केंद्रों के शटडाउन, ट्रिपिंग व विद्युत भार, ट्रांसर्फामर फुंकने की नियमित मॉनीटरिंग की जाय तथा पेट्रोलिंग भी ठीक से हो। साथ ही 15 जुलाई से पहले लोगों की सभी शिकायतें दूर कर जनता के हित में कार्य करें।

कंपनियों पर करें कार्रवाई

बैठक में अधिकारियों द्वारा बिजली आपूर्ति में बाधा बने आंधी-तूफान, पेड़ गिरने की बात पर  कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आंधी-तूफान आने पर नये पोल के गिरने, ट्रांसर्फारमर फुंकने, लाइन टूटने आदि की जांच की जाय तथा गुणवत्ता को लेकर संबंधित कंपनी पर भी कार्रवाई कर जनता की अपेक्षाओं में खरे उतरने के लिए विद्युत व्यवस्था को व्यवस्थित बनाये रखें। बुन्देलखण्ड पर विशेष ध्यान दें।

इंजीनियरों पर की जाए कार्रवाई

वहीं प्रयागराज से आ रही शिकायतों का समय पर समाधान न होने पर एसडीओ एवं अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई के निर्देश भी आज वरिष्‍ठ अधिकारियों को दिए हैं। साथ ही ऊर्जा मंत्री ने ज्यादा ट्रांसर्फामर फुंकने पर प्रयागराज के उपखण्ड अधिकारियों के खिलाफ चेतावनी जारी करने व प्रतिकूल प्रविष्टि देने तथा लापरवाही के आरोप में एई वर्कशॉप के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिये। वहीं ट्रांसफार्मर की बैलेंसिंग में लापरवाही पर चीफ प्रयागराज को चेतावनी दी।

इतना ही नहीं स्टोर्स की सामग्री की जांच के बाद ब्लैकलिस्ट कंपनियों के समान जांचने वाले पश्चिमांचल के 15, दक्षिणांचल के 12, पूर्वांचल के नौ और मध्यांचल के चार इंजीनियरों पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी करते हुए बैठक में अधिकारियों से कहा कि अब यारी दोस्ती नहीं चलेगी।

शिकायत मिलने पर उन्होंने हरदोई जनपद के स्टोर की विशेष आडिट करने के साथ अवैध कनेक्शन, निजी ट्युवेल, ट्रांसर्फामर की स्थिति आदि की जांच के निर्देश दिये। कार्यों में लापरवाही पर चीफ बरेली को भी चेतावनी दी गयी।

ऊर्जा मंत्री ने बैठम में सभी महानगरों में ऊर्जा मित्रों के कार्यों की जांच के भी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महानगरों में ट्रांसफार्मरों की मीटरिंग अनिवार्य किये जाने और इसके बर्निंग रेट को कम करने के लिए केस्को मॉडल अपनाया जाए। केस्को में बर्निंग रेट महज 0.43 फीसदी ही है।

कार्रवाई के लिए मुख्‍यालय को भी भेजे रिपोर्ट

ऊर्जा मंत्री ने निर्देशित किया है कि नोडल अधिकारी द्वारा पूरे जिले के उपकेन्द्रों का निरीक्षण किया जाय। तत्पश्चात अधीक्षण अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता तथा डिस्काम के प्रबंधक निदेशक द्वारा औचक निरीक्षण किया जाय। केन्द्रों पर खामियां पायें जाने की रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजी जाय, जिससे लापरवाह अधिकारियों/कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

95 प्रतिशत से कम बिलिंग मंजूर नहीं

बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन यूपी पावर कारपोरेशन ने कहा कि शहरी बिलिंग संतोषजनक नहीं है, स्थित बहुत खराब है। अब कार्मिकों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत से कम बिलिंग मंजूर नहीं। भारत सरकार के निर्देश पर अगस्त माह से शहरी क्षेत्रों में बिलिंग मानक के अनुरूप न होने पर बिजली कटौती होनी तय है, जिसकी जिम्दारी व जवाबदेही अधिकारियों की होगी।

बैठक में यूपी पावर कारपोरेशन की प्रबंध निदेशक अपर्णा यू. के साथ मुख्यालय व सभी डिस्काम के उच्चाधिकारी मौजूद रहें।