आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। रिटायर होने के बाद यूपी का नया डीजीपी कौन होगा इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा मुखिया ने सवाल उठाते हुए कहा है कि योगी सरकार उत्तर प्रदेश को स्थायी डीजीपी नहीं दे पा रही है स्थायी संरचना क्या देगी।’
अखिलेश यादव ने आज कहा है कि ‘सपा ने पुलिस सेवा को विश्व स्तरीय अत्याधुनिक संसाधन और संरचनात्मक ढांचा देकर कानून-व्यवस्था की जो कारगर बुनियाद रखी थी, आज उसका श्रेय लेने के लिए बीजेपी फीता काटने के लिए कैंची लेकर खड़े हैं। भाजपा के राज में पुलिस थानों पर छापे पड़ रहे हैं, पुलिस ही पुलिस के खिलाफ एफआइआर लिखा रही है और आपस में अपहरण का आरोप भी लगा रही है। अब तो उत्तर-प्रदेश के बच्चे ‘चोर-पुलिस’ की जगह ‘पुलिस-पुलिस’ खेलते हैं। बीजेपी उत्तर-प्रदेश को स्थायी डीजीपी नहीं दे पा रही है स्थायी संरचना क्या देगी।’
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के रिटायर होने के बाद प्रदेश के डीजीपी पद के लिए नया नाम चुना जाना है। यूपी के अगले डीजीपी को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार पर भी मुहर लग सकती है, हालांकि डीजीपी की रेस में कुछ और नाम भी शामिल हैं। डीजीपी की दौड़े में राजीव कृष्ण, बीके मौर्य, तिलोत्तमा वर्मा, एमके बशाल जैसे नाम भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें- लगातार चौथे कार्यवाहक DGP की नियुक्ति पर पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने जताई आपत्ति, की ये मांग
बताते हैं कि डीजीपी प्रशांत कुमार सीएम योगी के भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं। उन्हें कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। 1990 बैच के आइपीएस अफसर प्रशांत कुमार लंबे समय से यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के पद पर तैनात हैं। वह 31 को रिटायर हो रहे हैं। वहीं यूपी में लगातार कई कार्यवाहक डीजीपी बनाने के पीछे विपक्ष योगी सरकार पर आरोप लगाता रहा है कि सरकार अपना एजेंडा चलाने के लिए कार्यवाहक डीजीपी बनाती है, जिससे कि डीजीपी सरकार के प्रति पूरी तरह दबाव में रहे।