आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के चलते जनता गंभीर संकटों में घिर गई है। मंहगाई की मार ने लोगों की कमर तोड़ दी है। जनता की आय बढ़ी नहीं, रोजगार के अवसर सृजित नहीं हुए और बाजार अभी तक मंदी से उबर नहीं पाया हैं, जिससे समाज का हर वर्ग परेशान है।
सपा मुखिया ने कहा कि होली का त्योहार सिर पर है मगर मंहगाई ने लोगों का उत्साह फीका कर दिया है। दिसंबर से अब तक लगभग हर चीज 25 फीसदी मंहगी बिक रही है। वहीं बाजार में जो खाद्य पदार्थ बिक रहे है उनमें भी भारी मिलावट होने से लोग बीमारी के शिकार होंगे, लेकिन भाजपा सरकार को इससे कुछ लेना देना नहीं, वो तो मुनाफाखोरों को लूट का अवसर देने को प्रतिबद्ध है। इसी को तो भाजपा आपदा में अवसर करार देती है।
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भाजपा सरकार पर हमला जारी रखते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि किसान तो भाजपा सरकार की आंख में बुरी तरह खटक रहा है। महीनों से किसान अपनी फसल की न्यायोचित कीमत एमएसपी दिलाने और तीनों काले कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहा है। भाजपा सरकार उनकी बात सुनने को ही तैयार नहीं है। ढाई सौ से ज्यादा किसान आंदोलन में अपनी बलि दे चुके हैं। भाजपा ने अब तक उस पर संवेदना के दो शब्द भी नहीं बोले हैं। किसानों को डर है कि नए कृषि कानून से उनकी खेती पर बड़े उद्योग घरानों का आधिपत्य हो जाएगा और वे खेत मालिक की जगह खेतिहर मजदूर बन जाने को मजबूर होंगे।
इतना ही नहीं किसान पर भाजपा राज में दो गुनी मार पड़ रही है। एक तो फसल के लाभप्रद दाम न मिलने और फसल की लागत भी न निकलने से, वो साल दर साल कर्जदार बनता जा रहा है। जब वह कोई रास्ता नहीं पाता है और बैंक तथा साहूकारों का उत्पीड़न बढ़ जाता है तो वह फांसी का रास्ता अपनाता है।