आरयू ब्यूरो, लखनऊ। देश में तेजी बह रही निजीकरण की बयार के बीच गुरुवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोदी सरकार कटघरे में खड़ा किया है। अखिलेश ने मोदी सरकार के निजीकरण के खिलाफ रोष जताते हुए आज कहा है कि भाजपा सरकार ने देश को डुबो दिया है। देश का शासन चलाने की जगह वह देश के साधनों और संसाधनों का बाजार लगा रही है।
अपने एक बयान में अखिलेश ने मीडिया से आगे कहा कि भाजपा सरकार ने देश-प्रदेश में टोल, मंडी, सरकारी माल, आइटीआइ, पॉलिटेक्निक, हवाई अड्डा, रेल सहित बीमा कंपनी के निजीकरण से युवाओं के रोजगार के अवसरों को बेच डाला है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि देश में रोजगार की स्थिति पिछले 15 सालों में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गयी है।
मिलने के बजाय छूट रहीं नौकरियां
हमला जारी रखते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा है कि नौकरियां मिलने के बजाय छूट रहीं, कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। रेलवे अस्पतालों तक को बेचने के लिए टेंडर मांगे गए हैं। डेढ़ साल तक मंहगाई भत्ता बंद करने के बाद रेलवे में सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों में 50 प्रतिशत की समाप्ति की रणनीति बनी है। करीब डेढ़ लाख रेल कर्मचारियों की नौकरी से छुट्टी होनी है। भारतीय रेल ने 109 रूट पर अत्याधुनिक प्राइवेट ट्रेन चलाने का फैसला किया है। इसमें विदेशी कंपनियां भी शामिल हो सकती है।
तीन लाख करोड़ की संपत्ति वाले बीएसएनएल को 950 करोड़ में बेचने की तैयारी
इतना ही नहीं देश में सरकारी बैंकों की संख्या 12 से पांच करने की तैयारी है। उनका निजीकरण होगा। पिछले साल दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला लिया गया। अब सरकार उन बैंकों की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने की तैयारी कर रही है, जिनका विलय नहीं किया गया है। मोदी सरकार के प्रस्ताव पर अमल हुआ तो जल्द ही पुलिस विभाग में 50 से अधिक सेवाएं पूर्ण या आंशिक रूप से निजी हाथों में होंगी। बीमा कंपनियों का भी निजीकरण प्रस्तावित है। एयरपोर्ट भी प्राईवेट कंपनियों को दे दिये गये हैं। अब तीन लाख करोड़ की संपत्ति वाले बीएसएनएल को 950 करोड़ रूपये में बेचने की तैयारी है।
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…लेकिन इसके दुष्प्रभावों के बारे में चिंता नहीं
मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार तो अपनी डांवाडोल आर्थिक स्थिति के कारण व्यापक स्तर पर सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में देने जा रही है, लेकिन इसके दुष्प्रभावों के बारे में उसे चिंता नहीं। संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि भारत में 40 करोड़ रोजगार जा सकते हैं। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे महायुद्ध के बाद कोरोना काल में यह सबसे भयानक संकट की आहट है। श्रमिकों और व्यवसायों को तबाही का सामना करना पड़ेगा।
चहेते पूंजीपतियों को बचाने और लाभ पहुंचाने के कारण…
अखिलेश ने अपनी सपा का पक्ष रखते हुए कहा, समाजवादी पार्टी यह कहती रही है कि भाजपा की गलत नीतियों नोटबंदी, दाषपूर्ण जीएसटी, आर्थिक अस्थिरता के डर और कुछ अपने चहेते पूंजीपतियों को बचाने और उनको लाभ पहुंचाने के कारण देश की जीडीपी में भीषण गिरावट आई है। आजाद भारत के इतिहास में इस भाजपा सरकार में देश से अधिकारिक रूप से सबसे ज्यादा पैसा विदेशों में गया है। भारत की अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर है।
बर्बरता से लाठीचार्ज कर की जाती है गिरफ्तारी
साथ ही उन्होंने कहा कि कैसी विडंबना है कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के विरोध में अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखने वाले युवा समाजवादी सिपाहियों पर बर्बरता से लाठीचार्ज कर गिरफ्तारी की जाती है। बेरोजगारों की जायज मांग उठाने वालों के खिलाफ यह कायराना हरकत है। समाजवादी नौजवान सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते रहेंगे, वह सत्य पर डटे रहेंगे और अन्याय नहीं सहेंगे।
युवाओं ने भाजपा सरकार कि कर दी है उल्टी गिनती शुरू
वहीं अखिलेश ने बुधवार रात नौ बजे बेरोजगारों द्वारा प्रधानमंत्री के अंदाज में किए गए प्रदर्शन के बारे में कहा है कि युवाओं ने भाजपा सरकार की उल्टी गिनती की शुरूआत कर दी है। कल नौजवानों के समर्थन में समाजवादी साथियों ने मोमबत्तियां जलाकर युवा क्रांति की दिशा में सार्थक पहल की है।