आरयू ब्यूरो
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ईवीएम पर सवाल उठाने के बाद गठबंधन की बात करने पर आज भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि योगी सरकार द्वारा जनहित में लिए जा रहे ताबड़तोड़ फैसलों से विपक्षी दलों में हताशा का भाव पैदा हो गया है।
यह भी पढ़े- मोदी और योगी के नेतृत्व में भाजपा करेगी बाबा साहब के सपनों को पूरा: केशव मौर्या
केन्द्र और राज्य सरकार की सक्रियता के चलते विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा तो वे अब अनाप-सनाप बकने लगे हैं। कभी महागठबंधन की बात कर रहे, तो कभी ईवीएम की निष्पक्षता पर अपनी हताशा दिखा रहे। जबकि सच यह है कि ईवीएम को दोषी ठहराने वाले अखिलेश यादव और मायावती खुद सच्चाई से मॅुह छिपा रही है। साथ ही दोनों भाजपा के भय से एक होने की बात कर रहे है।
यह भी पढ़े- जानें उद्घाटन के बाद मोदी को क्यों कहना पड़ा, ‘दुआ करूंगा यहां कोई न आए’
जबकि सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव महागठबंधन के औचित्य पर ही सवाल उठाया है। वहीं पांच वर्षों तक प्रदेश में कंफ्यूज सरकार चलाने वाले अखिलेश यादव अब समाजवादी पार्टी के कंफ्यूज अध्यक्ष भी साबित हो रहे है।
यह भी पढ़े- महापुरुषों के नाम पर नहीं होगी छुट्टी, बताया जाएगा उनका महत्व: योगी
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 14-15 सालों में यूपी में सपा-बसपा एवं परोक्ष रूप से कांग्रेस का शासन था। इस दौरान सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों की भी व्यापक व्यवस्था नहीं की गई। जबकि कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी, जाति और धर्म के आधार पर प्रदेश को बांट दिया गया था। कार्रवाई के साथ ही तमाम योजनाएं तुष्टिकरण की भेंट चढ़ चुकी थी।