आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के विधायक काले कपड़ों में पहुंचे। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती, इसलिए सेशन कम समय का है।
मीडिया से बात करते हुए सपा सुप्रीमो ने कहा कि सरकार विपक्ष का जवाब देना व कुछ सुनना ही नहीं चाहती। चर्चा होनी चाहिए तभी जनता का विकास होगा। अखिलेश ने आगे कहा कि “सरकार को जो सुविधाएं देनी चाहिए थीं, वह नहीं दे रही हैं। अस्पताल जर्जर है चिकित्सा पूरी तरीके से बर्बाद है। पढ़ाई बिल्कुल बर्बाद हो चुकी है। प्राइमरी स्कूलों में कोई एडमिशन लेने नहीं आ रहा।
इतना ही नही आरक्षण के नियमों के तहत जिन बच्चों को नौकरी मिलनी चाहिए थी उनको नहीं मिली। 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी भटक रहे हैं।” सरकार इन्वेस्टमेंट का दावा करती है, कहीं दिख नहीं रहा है। वहीं सड़क भी गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को जो लाभ मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है गाना के रेट नहीं बढ़ रहे हैं और धान नहीं खरीदा जा रहा है।
योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा, “देश के बहुत सारे दल जाति जनगणना के पक्ष में खुलकर सामने आ रहे हैं। सबको बराबर लाने के लिए आरक्षण जरूरी है। काले वस्त्र पहनकर सरकार का विरोध कर रहे हैं। नई नियमावली का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं।”
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अखिलेश ने कहा कि सरकार नहीं चाहती की जनता के सवालों को उठाया जाए, उनके सामने खड़ा किया जाए या तख्ती पर लिखकर लेकर जाए। विपक्ष मुखर होकर ना बोल सके, इसीलिए यह सब नियम कानून लाए जा रहे हैं और तानाशाही हो रही है।
दरअसल सपा विधायक अपने कुर्ते पर सरकार नारे लिखकर पहुंचे, जिनमें प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने अपने कुर्ते पर पीछे लिख रखा था…..बहुत हुआ भ्रष्टाचार, होश में आओ योगी सरकार, यूपी बना है जंगल राज, कहां सो रहे योगी महाराज, गोरखपुर का अमृत रस, थानेदार बेचता है चरस, दलितों को पिलाया जाता है पेशाब, इसका कौन देगा जवाब, योगी सरकार मस्त है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है, यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र।
बता दें कि विधानसभा का संचालन नई नियमावली से होगा। पिछले सत्र में पारित विधानसभा की नई नियमावली के तहत विधानसभा संचालित की जाएगी। विधानसभा की नई रूल बुक के अनुसार विरोध प्रदर्शन के लिए सदन के अंदर बैनर-पोस्टर व मोबाइल फोन ले जाने को प्रतिबंधित किया गया है।