आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में साल 2022 में लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई लड़ी जानी है। सत्ता में खतरनाक लोग हैं, लेकिन जनता पर भरोसा है कि वह लोकतंत्र को न कमजोर होने देगी और न ही मरने देगी।
अखिलेश यादव गुरुवार को सपा मुख्यालय पर सपा के उन नेता व कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, जिन्हें पिछले दिनों प्रदर्शन के दौरान जेल भेजा गया था या फिर वह लाठीचार्ज में घायल हुए थे। अपने संबोधिन में अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा का लोकतंत्र, सामाजिक सद्भाव और समाजवादी व्यवस्था से कोई वास्ता नहीं है। भाजपा की कुनीतियों से ऊबी जनता समाजवादी पार्टी की सरकार बनाना चाहती है। भाजपा अब सरकार में अपनी अनियमितताओं की जांच कराने के लिए तैयार रहे।
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी नेतृत्व ने आजादी की लड़ाई और आजाद भारत में भी जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरा और संघर्ष किया है। जेल यातना से समाजवादी झुकते नहीं है। पुलिस की बैरीकेडिंग और आंसू गैस, लाठीचार्ज से लोकतंत्र के कारवां को रोका नहीं जा सकता है। समाजवादी पार्टी का इतिहास अन्याय के विरूद्ध संघर्ष का रहा है। भाजपा ने अपने कृत्यों से लोकतंत्र का गला घोंटा है।
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वहीं सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आज मीडिया से कहा कि बीती 14 दिसंबर को संघर्षरत किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर जब समाजवादी लखनऊ में धरना दे रहे थे तब पुलिस ने भाजपा सरकार के इशारे पर पहले बर्बरता से लाठीचार्ज किया जिसमें कई घायल हो गए। पुलिस ने जबरन महिलाओं और दिव्यांगों की भी गिरफ्तारी की। 69 कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया। जेल यात्रियों के साथ जेल में अपमान जनक व्यवहार किया गया। समाजवादी पार्टी ने आज उनका सम्मान किया।
आज के कार्यक्रम में नेता विरोधी दल विधानसभा रामगोविंद चौधरी, मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी उपस्थित थे।