सीने में दर्द, कोरोना के नए स्ट्रेन में बड़ा खतरा, जानें इसके लक्षण

लखनऊ में कोरोना
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। भारत में लगाातर 19वें दिन कोविड-19 के 30 हजार से कम नए मामले सामने आए और इसके साथ ही देश में संक्रमण के मामले बढ़कर शुक्रवार को 1,02,86,709 हो गए, जिनमें से 98.83 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। हालांकि, 256 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,48,994 हो गई। लेकिन, इन सबके बीच अब नई समस्या कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन यानि नया प्रकार है, जिसे लेकर सब चिंतित हैं। इसके लक्षणों की बात की जाए तो, सीने में दर्द बड़ा खतरा बन सकता है।

ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार- बुखार, खांसी, थकान, सिरदर्द, डायरिया, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर रैशेज, आदि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के लक्षण हैं। इसके अलावा इस स्ट्रेन की वजह मरीज को सीने में तेज दर्द की शिकायत भी होती है। इसके बाकि सभी लक्षण पुराने कोरोना वायरस की तरह ही हैं।

वहीं भारत में भी यह कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन एंटर हो चुका है। ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) से अबतक देश में कुल 25 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि इन 25 संक्रमितों में मंगलवार और बुधवार को वायरस के नए प्रकार से संक्रमित 20 मरीज भी शामिल हैं। मंत्रालय ने बताया, ‘‘इन सभी 25 मरीजों को चिकित्सालयों में एकांतवास में रखा गया है।’’

इन देशों तक पहुंच चुका कोरोना का नया स्ट्रेन

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में सबसे पहले मिले कोरोना वायरस के इस नए प्रकार की अब डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन,स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है। इतनी ही नहीं, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी फैलाने के लिए जिम्मेदार माने जानेवाले देश चीन में भी अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने दस्तक दे दी है। यहां ब्रिटेन से लौटी 23 साल की एक महिला में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है।

मालूम हो कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस का जो नया स्ट्रेन मिला है, उसका नाम है B.1.1.7 है। वैज्ञानिकों के अनुसार नया स्ट्रेन मूल वायरस के मुकाबले 70 फीसदी अधिक संक्रामक है। शुरूआती जांच में यह पता चला कि म्यूटेशन से बना B.1.1.7 स्ट्रेन अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन खतरनाक कम है