कोरोना के बहाने लोकसभा सत्र टालकर किसान व विपक्ष का सामना करने से बच रही भाजपा सरकार: अखिलेश

कोरोना के बहाने

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए शुक्रवार को सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात करने की साजिश में लगी है। सरकार एक-एक कर वह संवैधानिक संस्थानों को निष्क्रिय बनाने और उनसे सम्बद्ध जनप्रतिनिधियों को अपमानित कर रही। जनता भाजपा की इस जन और संविधान विरोधी आचरण को अच्‍छी तरह समझ रही और समय आने पर इसका करारा जवाब देगी।

अखिलेश ने कहा कि यूपी में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल अगामी 25 दिसंबर, जबकि जिला पंचायतों का 15 जनवरी को समाप्त हो रहा। इसके बावजूद भाजपा सरकार समय पर चुनाव न कराकर इनमें सरकारी प्रशासक नियुक्‍त करना चाहती है। यह जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।

भाजपा सरकार इसी तरह कोरोना के बहाने लोकसभा का शीतकालीन सत्र टालकर किसानों और विपक्ष का सामना करने से बच रही। असल में संसद में बहस रोककर बीजेपी सरकार असहमति की आवाज का दमन करना चाहती है।

जब कोरोना संक्रमण काल में…

सपा अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि भाजपा का दोहरा चरित्र इस बात से भी उजागर होता है कि जब कोरोना संक्रमण काल में मध्य प्रदेश में सरकार बन सकती है, बिहार में विधानसभा का चुनाव हो सकता है, पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं की बड़ी-बड़ी रैलियां हो सकती हैं और यूपी के सीएम काशी व अयोध्या के दीपोत्सव में शामिल हो सकते हैं तो फिर पंचायत चुनाव और संसद के शीतकालीन सत्र के स्थगन का क्या औचित्य है यह तो भाजपा का डर है कि वह अब चुनाव से भाग रही है और उसके लिए बहानेबाजी कर रही है।

भाजपा का संविधान, लोकतंत्र व संसदीय व्यवस्था पर भरोसा है तो…

यूपी के पूर्व सीएम ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि भाजपा का संविधान, लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था पर भरोसा विश्‍वास है तो उसे लोकसभा एवं विधानसभा का सत्र बुलाकर देश में किसान बिल, निजीकरण, बेरोजगारी, मंहगाई तथा यूपी की गिरती कानून-व्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में अव्यवस्था, अवरूद्ध विकास, महिला सुरक्षा व किसानों के रूके कामों पर तुरंत चर्चा करानी चाहिए।

दंभी सरकार हो चुकी अंग्रेजों से भी ज्यादा निर्दयी

साथ ही अखिलेश ने कहा कि देश इस समय संक्रमण के दौर में है। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में 24 किसान शहीद हो चुके हैं, जबकि दंभी भाजपा सरकार अंग्रेजों से भी ज्यादा निर्दयी हो चुकी है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी किसानों के आंदोलन के अधिकार को माना है, लेकिन भाजपा सरकार अपनी बातें किसानों पर थोपने में लगी है।