आर्थिक तंगी, मकान मालिक व पुलिस से परेशान भाजपा कार्यालय पर खुद को आग लगाने वाले पूर्व संविदाकर्मी की मौत

पूर्व संविदाकर्मी
उपचार के दौरान सिविल अस्पताल में पूर्व संविदा कर्मी। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। आर्थिक तंगी, मकान मालिक व ठाकुरगंज पुलिस की कार्यप्रणाली से परेशान होकर भाजपा कार्यालय के गेट पर खुद को आग लगाने वाले पूर्व संविदा कर्मी की आज मौत हो गयी। बलराम तिवारी की मौत से परिजनों में रोना-पीटना मच गया। सूचना पाकर सिविल अस्‍पताल पहुंची हजरतगंज पुलिस ने शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। ठाकुरगंज इंस्‍पेक्‍टर के अनुसार इस मामले में म‍कान मालिक समेत पांच आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

बताया जा रहा है कि ठाकुरगंज क्षेत्र निवासी बलराम तिवारी बिजली विभाग में संविदा पर तैनात था, लेकिन कुछ महीने पहले उसकी यह भी नौकरी चली गयी थी। बेरोजगार होने पर बलराम का परिवार चलाना मुश्किल हो रहा था।

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पत्‍नी सोनिया तिवारी ने बताया कि लगभग पांच महीना पहले नौकरी छिन जाने के बाद वह लोग ठीक से किराया भी नहीं दे पा रहे थे। जिसको लेकर मकान मालिक मनीष पाल उसके पति को प्रताड़ित करता था, नौ हजार किराया होने पर उसके पति ने कर्जा लेकर छह हजार दिया भी था, लेकिन इसके बाद मनीष ने प्रताड़ना देना नहीं छोड़ा। आम्रपाली चौकी इंचार्ज व ठाकुरगंज पुलिस से मामले की शिकायत करने के बाद भी उसने भी कोई कार्रवाई नहीं की।

बेरोजगारी, कर्जा, मकान मालिक की प्रताड़ना के बाद पुलिस द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने से बलराम तिवारी ने जीने की आस ही छोड़ दी। वह बीती शुक्रवार की शाम यूपी विधानभवन के सामने स्थित भाजपा मुख्‍यालय के पास पहुंचा और कार्यालय के गेट नंबर दो पर उसने खुद को आग लगा ली। आग की लपटों में घिरे युवक को तड़पता देख पुलिस ने आनन-फानन में आग बुझाकर उसे सिविल अस्‍पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्‍टरों ने बलराम के 60 प्रतिशत से अधिक झुलसने की बात कहते हुए परिजनों को उसकी हालत गंभीर बताई थी।