सपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर झंडे-पोस्टर की दुकानों पर चली JCB, विरोध में महिला ने मुंडवाया सिर

झंडे पोस्टर की दुकान

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बुधवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्‍यालय के बाहर स्थित दुकानों पर निगम ने कार्रवाई की है। इस दौरान नगर निगम की कार्रवाई का को लेकर विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला। कार्रवाई के विरोध में एक महिला दुकानदार ने अपना सिर मुड़वा लिया। वहीं नगर निगम का दावा है कि नोटिस के बावजूद भी दुकानदारों ने अतिक्रमण नहीं हटाया था। इसके बाद से यह कार्रवाई की गई है। करीब दो दशकों से स्‍थापित इन दुकानोंं पर सपा व अखिलेश यादव के बैनर, पोस्‍टर, झंडे व स्‍टीकर समेत अन्‍य सामान बेचे जाते थे। नगर निगम की कार्रवाई से सपाईयों में गुस्‍सा है।

किन्‍नर की वजह से हुई कार्रवाई

वहीं दुकानदारों का आरोप है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। जिस महिला ने सिर मुड़वाया है, उसने कहा कि मेरे दुकानदार सीधे हैं। वह बोल नहीं पाए। इसके साथ ही दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि सोनम किन्नर की वजह से सभी दुकानें टूटी है। उसका मकान अवैध है, लेकिन वह नहीं टूटा है। महिला का यह भी आरोप है कि यहां और भी अवैध मकान और दुकानें हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हमारे साथ न्याय नहीं होता है, तब तक वह अपने सिर पर बाल नहीं आने देगी।

इस संबंध में नगर निगम के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि विक्रमादित्य मार्ग पर सपा दफ्तर के सामने बनीं अस्थायी दुकानें अवैध रूप से स्थापित की गई थीं जिन्हें हटाने के लिए छह महीने पहले से नोटिस भेजे जा रहे थे। नोटिस के बाद भी दुकानों को नहीं हटाए जाने पर बुधवार को नियमित कार्रवाई के दौरान उन्हें जेसीबी से ढहा दिया गया।

यह भी पढ़ें- आखिरकार सोपान इन्क्लेव के बाहर से एलडीए ने हटवाया अवैध कबाड़ मार्केट, आवंटियों ने कहा, पार्क भी होना चाहिए अतिक्रमण मुक्‍त

उन्होंने बताया कि दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने के लिए समय दिया गया था और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले उसका ऐलान भी कराया गया था। अधिकारी के अनुसार वो दुकानें रेलवे के अधिकारियों के बंगलों के ठीक सामने बनाई गई थीं जिनकी वजह से अक्सर वहां यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न होती थी। गौरतलब है कि ढहायी गई दुकानों पर समाजवादी पार्टी के झंडे, बैनर, पोस्टर और प्रचार सामग्री इत्यादि बेची जाती थी और ये दुकानें वर्ष 2001 से यहां चल रही थीं।

यह भी पढ़ें- अखिलेश ने उठाया योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल, कहा, बिना जांच बुलडोजर से सजा देने की अनुमति नहीं देता संविधान