बगदाद: अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अमेरिकी हवाई हमला, शीर्ष ईरान-इराक कमांडर समेत आठ की मौत

अमेरिकी हवाई हमला

आरयू इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिकी सैन्य की ताजा कार्रवाई ने दोनों मुल्कों के बीच सैनिक टकराव का खतरा बढ़ा दिया है। इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी ड्रोन्स ने रॉकेट से हमला कर दिया। इसमें ईरान की इलीट कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कसीम सोलेमानी और इराक के ईरान समर्थित संगठन- पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) के कमांडर अबु महदी अल-मुहंदिस सहित आठ लोगों की मौत हो गई। वहीं अब अमेरिकी रक्षा विभाग ने भी इस घटना की पुष्टि कर दी है।

कासिम ईरान की जिस विशेष सेना रेवोल्यूशनरी गार्ड की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे वह अमेरिका के लिए आतंकी संगठन है। अमेरिकी ने इसे अपने सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया है, जबकि ईरान ने अमेरिका के इस हमले पर बेहद तल्‍ख प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद है।

अमरीकी रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमेरिकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सोलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है। अमरीका ने कासिम को आतंकवादी घोषित कर रखा था।

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इस बयान में दावा किया गया है कि सोलेमानी बीते 27 दिसंबर सहित कई महीनों से इराक के अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं। साथ ही बीते सप्ताह अमरीकी दूतावास पर हुए हमले को भी उन्होंने अपनी मंजूरी दी थी। बयान में आगे कहा गया कि यह एयर स्ट्राइक भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के उद्देश्य से किया गया। अमेरिका चाहे जहां भी हो अपने नागरिकों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कार्रवाई को करना जारी रखेगा।

ईरान ने अमेरिका के इस हमले पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद है। जनरल सोलेमानी उस कुर्दिश सैन्‍य बल के प्रमुख थे जो आइएस, अल नुसरा, अल कायदा के खिलाफ प्रभावी लड़ाई लड़ रहा था। इस हमले के लिए अमेरिका जिम्‍मेदार है। अमेरिका की यह मूर्खतापूर्ण और घातक कार्रवाई है।

गौरतलब है कि ईरान और इराक की सेना से जुड़े लोगों पर यह हमला अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थित भीड़ के हमले के दो दिन बाद हुआ है। 31 दिसंबर को ईरान समर्थित कुछ प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के गेट तोड़ दिए थे और बाहर आग लगा दी थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि ईरान को अमेरिकियों के जान-माल के नुकसान के लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी।

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