रामचरितमानस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने ‘स्वामी प्रसाद मौर्य को किया विक्षिप्त करार

रामचरितमानस
मीडिया से बात करते भूपेंद्र चौधरी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास रचित रामचरितमानस के कुछ दोहे और चौपाइयों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह दलित और महिला विरोधी है। उनके इस बयान पर संतों ने आपत्ति जताई है, वहीं सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए स्‍वामी प्रसाद को विक्षिप्‍त करार किया है। साथ ही अखिलेश यादव पर भी तंज कसा है।

मीडिया से बात करते भूपेंद्र चौधरी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘स्वामी प्रसाद विक्षिप्त हैं। वहीं सपा अध्‍यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव को सामने आकर बयान देना चाहिए कि यह सपा का बयान है या उनके निजी विचार हैं। सपा हमेशा देश विरोधी लोगों के साथ खड़ी रही है। चाहे वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान कार सेवकों पर गोली चलवाना हो, या हमारे धार्मिक मठ-मंदिरों पर आतंकवादी हमले हों, या हमला करने वाले हों। उनके समर्थन में सपा का खडा़ हो जाना, उनके मुकदमे वापस लेना हो।’ दरअसल एमएलसी चुनाव को लेकर भूपेंद्र चौधरी ने सोमवार को बरेली मुरादाबाद मंडल के बीजेपी जनप्रतिनिधियों, पूर्व विधायकों, प्रत्याशियों, पूर्व सांसदों के साथ बैठक की।

यूपी बीजेपी के ने इससे पहले अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल यादव, डिंपल यादव और रामगोपाल यादव से भी जवाब देने को कहा था। उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में एक बड़ा नेता बनने के लिए छटपटा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा है। सपा ने हमारी धार्मिक गतिविधियों को बाधित करने की कोशिश की थी। मौर्य ने जो बयान दिया है, उन्हें इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होंने देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।

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बता दें कि रामचरितमानस पर बिहार के मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर विवाद को बढ़ा दिया है। सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। सपा नेता ने रामचरितनस के एक अंश को उद्धृत करते हुए कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए।

मौर्य ने सवाल उठाया, क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो। उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोलते हुए कहा, धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री ढोंग फैला रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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