देवी-देवताओं पर बीजेपी विधायक के विवादित बयान से हंगामा, विपक्ष ने साधा भाजपा पर निशाना

ललन पासवान

आरयू वेब टीम। देवी-देवताओं पर भाजपा विधायक द्वारा दिए गए विवादित बयान से हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष के साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोग विधायक के साथ ही भाजपा पर निशाना साध रहें हैं। वहीं सड़कों पर भी विधायक ललन पासवान के पुतले जलाए जा रहे। इन सबके बीच भाजपा ने अपने विधायक को नोटिस भेज जवाब मांगा है।

उल्‍लेखनीय है कि भागलपुर जिले में पीरपैंती विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले ललन पासवान ने अपनी मां जिनकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई थी की याद में भोज नहीं आयोजित करने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए, कथित तौर पर तर्क दिया कि जो लोग देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते हैं वे अभी भी धन, शिक्षा और शक्ति का आनंद लेते हैं।

एक वीडियो क्लिप जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और समाचार चैनलों द्वारा दिखाया जा रहा है, इसमें विधायक को ‘मृत्युभोज’ की प्रथा पर सवाल उठाते हुए और तर्कसंगतता और वैज्ञानिक स्वभाव के लिए एक पिच बनाते हुए दिखाया गया है।

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विधायक कह रहें हैं कि “मुसलमानों और ईसाइयों द्वारा सरस्वती और लक्ष्मी की पूजा नहीं की जाती है। इसने इन समुदायों को धन और शिक्षा से वंचित नहीं किया है। बजरंग बली (भगवान हनुमान) अमेरिका में पूजनीय नहीं हैं, लेकिन देश अभी भी एक महाशक्ति है। यह सब सिर्फ विश्‍वास की बात है”।

वहीं बीजेपी विधायक का बयान वायरल होने के बाद भागलपुर शहर में कुछ कट्टरपंथी हिंदू समूहों ने विधायक का पुतला फूंक दिया।

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि “मैं एक गर्वित हिंदू हूं जो सभी देवी-देवताओं की पूजा करता है। पासवान अपनी मान्यताओं के हकदार हैं, लेकिन उन्हें इस पर सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए था।

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा, “हमें उम्मीद है कि विधायक को देवी-देवताओं की पूजा करने वालों के वोटों की जरूरत नहीं है।” उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि भाजपा ने इस तरह के बयानों को ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ कैसे समेटा।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी विधायक के आचरण की निंदा की और पासवान से स्पष्टीकरण मांगा। जायसवाल ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, “एक निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें सोच-समझकर बातें करनी चाहिए। मैंने उनसे बात की है और उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।” हालांकि, भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियों ने मौके का फायदा उठाने की जल्दी की।