आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग में नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान का विरोध लगातार जारी है। वहीं गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रोफेसर फिरोज खान के सपोर्ट में उतरने के साथ ही शासन-प्रशासन के ढुलमुल रवैया को इसका जिम्मेदार ठहराया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट करके कहा कि बनारस हिन्दू केंद्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन-प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
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मायावती ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस संबंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। सरकार इसपर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा।
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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पिछले 12 दिनों से पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो रखा है। छात्र धरने पर बैठे हैं। छात्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। छात्रों के बीच कई राउंड की बातचीत असफल हो चुकी है। छात्र यूनिवर्सिटी में ढोल-मजीरे के साथ धरना दे रहे हैं।