MLC यशवंत सिंह भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। जिस बात का कई दिनों से अनुमान लगाया जा रहा था, आखिरकार उसका नतीजा सामने आ गया। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़-मऊ एमएलसी सीट के लिए होने वाले चुनाव से पहले भाजपा में बगावत का बिगुल बज चुका था। इसके बाद भाजपा ने मौजूदा एमएलसी यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

यशवंत सिंह के खिलाफ शिकायत मिली थी कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ उन्होंने अपने बेटे विक्रांत सिंह को निर्दल मैदान में उतार दिया और उनके लिए प्रचार-प्रसार किया। इस शिकायत के बाद उनके खिलाफ पार्टी ने ये कार्रवाई की है।

गौरतलब है कि जिले में एमएलसी चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन आजमगढ़-मऊ एमएलसी चुनाव को लेकर भाजपा में बगावत का बिगुल बज गया था। भाजपा ने जहां पूर्व विधायक अरूणकांत यादव को बतौर एमएलसी प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला किया था, तो वहीं भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर दिया था, जिसके बाद सियासी पारा और गर्म हो गया था।

वहीं नामांकन पत्र भरने के बाद विक्रांत सिंह ने कहा था कि लगातार मेहनत कर रहे थे, जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएलसी का टिकट सिर्फ इस बिनाह पर काट दिया कि आपके पिता एमएलसी हैं। इसलिए जनता के आर्शिवाद से निर्दलीय ही नामांकन दाखिल किया है।

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बता दें कि आजमगढ़ में विधान परिषद का चुनाव रोचक हो गया है। आजमगढ़-मऊ सीट के लिए होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए पांच प्रत्याशी चुनाव मैंदान में डटे हुए हैं। भाजपा ने जहां पूर्व विधायक अरूणकांत यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने सिपाही राकेश यादव गुड्‌डू पर दांव लगाया हुआ है। जहां सपा को अपने राजनीतिक समीकरणों के दम पर चुनाव जीतने का भरोसा है, वहीं प्रदेश व केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा भी अपने प्रत्याशी को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

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