आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सपा के बागी नितिन अग्रवाल के प्रत्याशी बनाया, जिसके बाद रविवार को नितिन अग्रवाल ने बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा राज्य के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व अन्य नेता मौजूद रहे।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से कहा कि यह परंपरा रही है कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता है, लेकिन सपा ने इस परंपरा को तोड़ दिया। भाजपा ने तो सपा के ही विधायक को उम्मीदवार बनाया है।
वहीं, सीएम योगी ने भी कहा कि बीजेपी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है, क्योंकि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के लिए रिजर्व होता है, इसलिए सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को प्रत्याशी बनाया गया है, हालांकि विपक्षी दल प्रत्याशी नहीं दे पाया। योगी ने साफ कहा कि सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का हम सब समर्थन कर रहे हैं। भाजपा संसदीय परंपराओं का सम्मान करती है।
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जानकारी के मुताबिक, सोमवार पूर्वान्ह 11 बजे से वोटिंग शुरू होगी। करीब 397 विधायक उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे। इसके लिए जिलावर विधायकों को मतदान के लिए बुलाया जाएगा। यह वोटिंग मतपत्र यानी बैलेट पेपर से करवाई जाएगी।
गौरतलब है कि विधानसभा में भाजपा का बहुमत है। ऐसे में नितिन अग्रवाल के उपाध्यक्ष पद पर विजयी होने में कोई संशय नहीं दिखता है। मगर सपा ने प्रत्याशी उतारा तो नितिन के निर्विरोध चुने जाने की भाजपा की रणनीति को धक्का जरूर लगा है।