नवमी पर CM योगी ने कहा, नारी सशक्तिकरण की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है कन्‍या पूजन

नारी सशक्तिकरण
कन्या का पांव पखारते मुख्यमंत्री।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कन्या पूजन का ये आयोजन हमें नारी सशक्तिकरण की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। भारतीय सनातन धर्म की परम्‍परा के अंदर मातृशक्ति के भाव को प्रदर्शित करने का ये सबसे सशक्‍त माध्‍यम है। हमें अपने पर्व और त्‍योहारों के इस महत्‍व को मातृशक्ति किसी भी क्षेत्र में कम और कमजोर नहीं है। ये भाव उनके प्रति हर एक मन में आना चाहिए। वर्ष में दो बार ये अवसर आता है जब हम अपने समाज को उस सभ्‍यता, संस्‍कारों और उन संस्‍कृति के साथ उसका अहसास कराते हैं कि मातृ शक्ति का हमारी परम्‍परा में क्‍या महत्‍व है।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्‍या पूजन कर कही। साथ ही कहा कि व्‍यवहारिक रूप में भी हम इसे साकार करेंगे, तो मातृशक्ति के साथ बहन-बेटियों की सुरक्षा के साथ यदा-कदा जो घटनाएं देखने को मिलती हैं, उनको नियंत्रित करने में सफलता प्राप्‍त होगी। हमें इन संस्‍कारों और परम्‍पराओं के साथ जुड़ना होगा। इस दौरान सीएम ने कन्‍याओं के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की ओर भी ध्‍यान आ‍कर्षित किया।

कुंवारी कन्‍याओं के पूजन का सौभाग्‍य मुझे हुआ प्राप्‍त

योगी ने कहा कि शारदीय नवरात्रि की आज नवमी तिथि है। आदि काल से भारत की सनातन धर्म की परम्‍परा वर्ष में दो बार वासंतिक और शारदीय नवर‍ात्रि के आयोजन को शक्ति की अधिष्‍ठात्री देवी के पूजन और अनुष्‍ठान के रूप में आयोजित करती आ रही है। हजारों वर्षों की इस विरासत पर हर भारतीय को गौरव की अनुभूति होती है। आज हम सबका सौभाग्‍य है कि, शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी स्‍वरूपा कुंवारी कन्‍याओं के पूजन का पावन अवसर है। ये मेरा सौभाग्‍य है कि गोरक्षपीठ की इस परम्‍परा में कुंवारी कन्‍याओं के पूजन का सौभाग्‍य मुझे प्राप्‍त हुआ है। सैकड़ों की संख्‍या में देवी स्‍वरूपा बालिकाएं यहां उपस्थित हुई हैं। उनके पूजन का कार्यक्रम यहां सम्‍पन्‍न हुआ है। नौ दिनों तक जो यहां पर अनुष्‍ठान का कार्यक्रम चलता है। इस अनुष्‍ठान के कार्यक्रम के उपरान्‍त आदि शक्ति मां दुर्गा के भोग के लिए जो प्रसाद बना है, वो वितरण कराकर देवी स्‍वरूपा बालिकाओं को प्रसाद खिलाया जा रहा है।

…कर सकती हैं समाज का योग्‍य मार्गदर्शन

सीएम ने कहा कि इस सराचर जगत के हर एक शक्ति का आधार है। स्‍वाभाविक रूप से बालिकाओं और बे‍टियों के प्रति प्रत्‍येक नागरिक को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। ये सबला हैं, हर एक क्षेत्र में नेतृत्‍व दे सकती हैं। समाज का योग्‍य मार्गदर्शन कर सकती हैं। बालिकाओं की सुरक्षा के साथ उनकी शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वावलंबन के लिए अभियान को आगे बढ़ाना होगा। हमें इस बात की प्रसन्‍नता है कि सरकारें इसके बारे में काफी चैतन्‍य हैं।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ

वहीं ये भी कहा कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का अभियान प्रधानमंत्री मोदी जी ने शुरू किया, वो बेटी को बचाने और पढ़ाने के लिए भी है। एक बेटी बचेगी और एक बेटी पढ़ेगी, तो समाज में सम्‍मान और स्‍वावलंबन के मार्ग का अनुसरण स्‍वयं करते हुए दिखाई देगी। समाज की चैतन्‍यता उसे आगे बढ़ाने में मदद करेगी। मातृ वंदना का कार्यक्रम या बेटियों की सुरक्षा का कार्यक्रम हमें इस दिशा में एक नई दिशा प्रदान करते हैं। प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कन्‍या पूजन में नौ कन्‍याओं के पांव पखारे। उनका तिलक कर उन्‍हें लाल चुनरी ओढ़ाई और 111 कन्‍याओं और 111 बटुकों को भोज भी कराया। कन्‍या पूजन को योगी आदित्‍यनाथ ने गोरक्षपीठाधीश्‍वर की भूमिका का निर्वहन किया। पूरे नौ दिन के व्रत और पूजा-पाठ के साथ उन्‍होंने नवमी के दिन कन्‍याओं का पूजन किया और उनके पांव धोकर माला और चुनरी पहनाई। इसके साथ ही उन्‍होंने कन्‍याओं को उपहार भी दिए।

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