उपराष्‍ट्रपति के विदाई कार्यक्रम में वेंकैया नायडू की सराहना कर बोले प्रधानमंत्री मोदी, मिलता रहेगा देश को आपके अनुभवों का लाभ

उपराष्ट्रपति को विदाई

आरयू वेब टीम। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल खत्म हो रहा है। वह दस तारीख को अपना कार्यकाल समाप्त कर रहे हैं। वहीं आज राज्यसभा में उपराष्ट्रपति को विदाई दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज हम राज्यसभा सभापति महोदय वेंकैया नायडू जी को उनके कार्यकाल की समाप्ति पर, धन्यवाद देने के लिए एकत्र हुए हैं। इस सदन के लिए ये बहुत भावुक पल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन के कितने ही ऐतिहासिक पल आपकी गरिमामई उपस्थिति से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज जब देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है। तब देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में हैं। मोदी ने कहा कि हम जानते हैं कि इस बार हम ऐसा 15 अगस्त मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री सब के सब वो लोग हैं, जो आजाद भारत में पैदा हुए और सब के सब बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा, अनेक बार आप कहते रहे हैं कि मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं, परन्तु सार्वजनिक जीवन से नहीं थका हूं। आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा। हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा। आगे कहा कि सभापति महोदय आप तो देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिसने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है। आपने सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में आपने सदन के बाहर जो भाषण दिए, उनमें करीब 25 प्रतिशत युवाओं के बीच में रहे हैं। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

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नरेंद्र मोदी ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरा ये सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग अलग भूमिकाओं में देखा है। आपकी बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी रही, जिसमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति के रूप में आपकी गरीमा और निष्ठा, मैंने आपको अलग अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम करते हुए देखा है।

साथ ही कहा कि आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है। आपका ये जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखी है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।

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