आरयू इंटरनेशनल डेस्क। भारत से फरार विजय माल्या को ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। माल्या को प्रत्यर्पण के केस में हार मिली है। ऐसे में अब विजय माल्या के भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। भगोड़े शराब कोरोबारी विजय माल्या ने भारत के हवाले किए जाने के आदेश खिलाफ ब्रिटेन के हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसे अदालत ने आज ठुकरा दिया।
रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधीश स्टीफन इरविन और न्यायाधीश एलिजाबेथ लांग की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में माल्या की अपील खारिज कर दी। कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी ‘लॉकडाउन’ के कारण मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई।
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विजय माल्या करीब पांच साल से लंदन में है, जहां उसके खिलाफ प्रत्यर्पण का मुकदमा चल रहा था। माल्या पर 13 भारतीय बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ बकाया है। भारत की अदालत माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर चुकी है और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों में उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू कर चुकी है।
गौरतलब हो कि माल्या ने 31 मार्च को अपने ट्वीट में कहा था, ‘मैंने केएफए द्वारा बैंकों से उधार ली गई राशि का 100 फीसदी भुगतान करने के लिए बार-बार प्रस्ताव दिया है। न तो बैंक धनराशि लेने के लिए तैयार हैं और न ही ईडी अपने अटेचमेंट जारी करने के लिए तैयार है, जो उन्होंने बैंकों की तरफ से दायर किए हैं। मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस संकट के इस समय में (मेरी बात) सुनेंगी।’
उसने आगे कहा, ‘भारत सरकार ने पूरे देश को बंद करके जो किया, वह अकल्पनीय था। हम इसका सम्मान करते हैं। मेरी सभी कंपनियों ने प्रभावी ढंग से संचालन बंद कर दिया है। सभी विनिर्माण भी बंद हैं।’