आरयू ब्यूरो,लखनऊ। विधान परिषद चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा युद्ध स्तर पर जुट गई है। आजमगढ़ मऊ सीट से पार्टी के घोषित प्रत्याशी पूर्व विधायक अरुण कांत यादव की जीत के लिए गुरूवार को बैठक हुई। ये बैठक भाजपा के जिला कार्यालय पर आजमगढ और लालगंज के पदाधिकारियों के बीच संपन्न हुई।
बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में किसान मोर्चा के अध्यक्ष व आजमगढ़-मऊ के प्रभारी कामेश्वर सिंह मौजूद रहे। इस दौरान बसपा को झटका देते हुए भाजपा ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में गोपालपुर विधानसभा से बसपा के प्रत्याशी रहे रमेश यादव को पार्टी में शामिल कराया। रमेश यादव वर्तमान में बिलरियागंज के ब्लाक प्रमुख हैं।
बसपा से भाजपा में शामिल होने आए रमेश यादव का कहना है कि इससे पहले भी भाजपा परिवार में रहा हूं, और एक बार पुन: भाजपा परिवार में वापस आकर अपने का गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। बसपा छोड़ने के सवाल पर रमेश यादव का कहना है कि बसपा अपने कैडर व कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण नहीं रख पा रही है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपना भविष्य नहीं बर्बाद करेगा।
भाजपा का वोट लगातार वोट बढ़ रहा है और बसपा का वोट लगातार खिसक रहा है। हमारी सपा से शुरू से लड़ाई रही है। इसके लिए भाजपा जैसे प्लेटफार्म की आवश्यकता है। भाजपा परिवार के साथ समाजवाद के परिवारवादी राजनीति के खिलाफ हम काम करेंगे। रमेश यादव का कहना है कि भाजपा परिवार वाद से अलग हटकर काम करती है। राष्ट्रवाद पर काम करती है। पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करूंगा। रमेश यादव का कहना है कि विधान परिषद के चुनाव व लोकसभा के उपचुनाव में इस बार भाजपा जिले से परचम लहराएगी।
उन्होंने अपने 200 प्रधान व बीडीसी समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कामेश्वर सिंह ने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सकी थी, लेकिन एमएलसी चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी अरुण कांत यादव की जीत सुनिश्चित है।
साथ ही बसपा से भाजपा में आए रमेश यादव का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद रमेश यादव ने कहा कि भाजपा की मोदी-योगी सरकार की कार्यशैली और राष्ट्रवाद से प्रभावित हैं। इसलिए अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए हैं।
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इसके अलावा ये भी कहा कि भाजपा में रहकर वह सपा के खिलाफ परिवादवाद की लड़ाई में शामिल रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि एमएलसी चुनाव के साथ ही अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद आजमगढ़ में होने वाले लोकसभा के उप चुनाव में भी बीजेपी जीत हासिल करेगी।