आरयू ब्यूरो,लखनऊ। मायावती ने पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया है। जिसपर निष्कासन के बाद रविवार को नकुल दुबे ने मायवती पर तंज कसते हुए कहा कि मेरे और मेरे संपूर्ण समाज के साथ न्याय हुआ है। मैं उनके प्रति आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने मुझे मुक्त कर दिया कि तुम सर्व समाज के साथ मिलकर जो एक अजीबो-गरीब वातावरण उत्पन्न हो गया है और लगातार चल रहा है, उसको रोकने के लिए नई मुहिम चलाओ।
वहीं, दुबे ने निष्कासन के कारण के सवाल पर कहा है कि वह हालिया चुनावी हार के बाद हुई समीक्षा बैठक में शामिल हुए थे, तो उन्होंने कहा कि मैं समीक्षा बैठक में नहीं गया था। मैं मायावती से मिला नहीं था और न ही मेरी उनसे कोई बातचीत हुई है। वहीं कारण बताओ नोटिस के बारे में नकुल दुबे ने कहा, ‘मुझे न्याय दिया गया है और इसे अन्याय न कहें, यह मेरे साथ ही नहीं संपूर्ण समाज के साथ न्याय हुआ है।
यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: मायावती ने अब मुख्तार अंसारी को माफिया बता काटा विधानसभा टिकट, BSP सरकार बनने पर सख्त कार्रवाई की भी कही बात
मालूम हो कि शनिवार को पूर्व मंत्री दुबे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया। बसपा प्रमुख मायावती ने देर शाम ट्वीट कर कहा कि पूर्व मंत्री नकुल दुबे (लखनऊ) को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बसपा से निष्कासित किया जाता है।
यह भी पढ़ें- BSP से निष्कासित होने के बाद बोले लालजी वर्मा, बहन जी से मिलकर करुंगा गलतफहमी दूर, खुद को बताया बसपा का वफादार
बसपा में ब्राह्मण नेता के रूप में स्थापित रहे नकुल दुबे 2007 में मायावती के नेतृत्व की बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। यही नहीं, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में नकुल दुबे को भी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके अलावा बसपा सरकार और पार्टी में उनकी गिनती बड़े ब्राह्मण चेहरे में होती थी, नकुल दुबे को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र का करीबी भी माना जाता है।