बसपा नेताओं की बैठक में बोलीं मायावती, अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला अटल

बसपा नेताओं की बैठक
बसपा नेताओं को निर्देश देतीं मायावती।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बसपा मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित विशेष बैठक में पार्टी के कार्यक्रमों, उसकी तैयारियों, कैडर बैठकों तथा उम्मीदवारों के चयन आदि की समीक्षा की। इस दौरान मायावती ने कहा कि केंद्र व यूपी सरकार की जनविरोधी नीतियों व कार्यप्रणाली के चलते तेजी से बदल रहे हालात में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को लोग आतुर लग रहें। इस दौरान बसपा प्रमुख ने कहा कि लोकसभा आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ने का उनका फैसला अटल है।

बसपा सुप्रीमो ने आज कहा कि चुनाव में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं रहेगा और मुकाबला बहुकोणीय होगा। जनता भी इसके लिए मन बना चुकी है। ऐसे में लोकसभा का अगला आमचुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण और व्यापक जनहित व देशहित में साबित होने की प्रबल संभावना है, जिसमें बसपा की अहम भूमिका रहेगी। थोड़े ‘अच्छे दिन’ को तरसते यूपी के लगभग 25 करोड़ लोगों के जीवन में छाई गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन व पलायन के दर्द भरे जीवन का क्रम भाजपा के शासनकाल में भी लगातार जारी है। बीते वर्षों में यह हालात बेहतर होने के बजाय बिगडे़ हैं।

जमीनी स्तर पर होने वाले अमल

इससे पहले मायावती ने पिछली बैठक में दिये निर्देशों पर जमीनी स्तर पर होने वाले अमल की जिला व मडंलवार समीक्षा रिपोर्ट ली। साथ ही कमियों को दूर कर आगे बढ़ने के लिये निर्देश दिये। पार्टी संगठन तथा सदस्यता आदि की जिम्मेदारी की सख्त हिदायत देते आगामी संसदीय चुनाव के लिए बेहतर कैडर व्यवस्था के आधार पर युवा मिशनरी लोग भी तैयार करने का अपना निर्देश दोहराया। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा के लिये फिर से यहां माहौल काफी गरमाने लगा है तथा सरगर्मियां शुरू हो गयी हैं।

संकीर्ण राजनीति से जनता पहले की तरह ही दुखी

इस दौरान मायावती ने पिछली सपा सरकार को भी लपेटते हुए कहा कि यूपी की भाजपा सरकार में सभी जिलों में समग्र विकास के बजाय कुछ गिने-चुने जिलों में ही सरकारी धन व्यय को प्राथमिकता दी जा रही, जिस तरह सपा शासनकाल में कुछ चुनिन्दा जिले ही सरकारी कृपादृष्टि के पात्र हुआ करते थे। इस संकीर्ण राजनीति से जनता पहले की तरह ही दुखी व त्रस्त है। स्पष्ट है कि भाजपा भी, सपा व कांग्रेस की तरह अपने काम के बल पर जनता से वोट मांगने की स्थिति में नहीं है।

भड़काऊ व विभाजनकारी मुद्दों का लिया जाएगा सहारा

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि चुनावी स्वार्थ के लिए संकीर्ण, भड़काऊ एवं विभाजनकारी मुद्दों का फिर सहारा लिया जाएगा, जिससे बहुजन समाज के लोगों को सावधान रहना है। इनके किसी भी बहकावे में कतई नहीं आना है। उनके हवाहवाई विकास के छलावे में और न ही इनके अन्य किसी उन्मादी मुद्दे में संयम खोना है।

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लखनऊ-नोएडा में शक्ति प्रदर्शन करेगी बसपा

वहीं मायावती ने छह दिसम्बर को डा. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस को पार्टी की परम्परा के अनुसार पूरे देश  व खासकर यूपी में पूरी मिशनरी भावना के अनुरूप आयोजित करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस बार कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है। अब पश्चिमी यूपी के आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ तथा सहारनपुर मंडल के लोग नोएडा में दिल्ली-यूपी सीमा पर निर्मित भव्य ‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन’ में श्रद्धांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे। यूपी के शेष 12 मंडलों में बसपा कार्यकर्ता लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में स्थित स्मारक में श्रद्धांजलि देंगे। इस तरह उम्‍मीद है कि बसपा लखनऊ के साथ नोएडा में भी अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी।

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