CBI रिश्‍वत लेने के मामले में फंसे अधिकारी को राहुल ने बताया मोदी का चहेता

सीबीआइ
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

रिश्‍वत लेने के आरोप में सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई है। इस मामले को लेकर सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कमान में सीबीआइ राजनीतिक दुश्‍मनी निभाने का हथियार बन गई है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से ट्वीट कर कहा पीएम के पसंदीदा, गुजरात कैडर अधिकारी, गोधरा एसआइटी के चर्चित, सीबीआइ में नंबर-दो पद पर घुसपैठ करने वाले, अब रिश्‍वतखोरी कांड में फंस गए हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री की कमान में सीबीआइ राजनीतिक दुश्मनी निभाने का हथियार बन गई है। यह संस्था लगातार गिरावट की ओर है जो खुद से खुद की लड़ाई लड़ रही है।

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यहां बताते चलें कि सीबीआइ ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर एक मामले को रफा-दफा करने के लिए तीन करोड़ रुपए रिश्‍वत लेने के आरोप में एफआइआर दर्ज की है। सीबीआइ ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर विशेष निदेशक अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिए सोमेश प्रसाद और अन्य अज्ञात अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने हैदराबाद के व्यापारी सतीश साना, जिसका नाम मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े मामले में सामने आया था, के मामले को खत्म करने के लिए तीन करोड़ रुपए की रिश्‍वत ली थी।

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विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर घूस लेने के आरोप लगने के बाद अब अस्थाना ने अपनी ही संस्था के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयुक्‍त (सीवीसी) से शिकायत की है। वहीं दूसरी  ओर अस्थाना का आरोप है कि वर्मा ने खुद दो करोड़ रुपए रिश्‍वत ली, इसलिए अपने को बचाने के लिए उनके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं।

दूसरी ओर, अस्थाना ने 19 अक्टूबर 2018 को सीवीसी को ‘टॉप सीक्रेट’ पत्र लिखकर निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें अस्थाना ने लिखा है कि सतीश साना के खिलाफ एक मामले को निपटाने के लिए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने दो करोड़ रुपए की रिश्‍वत ली है।

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वहीं साना ने एजेंसी को दी गई अपनी एक शिकायत में कहा है कि मनोज प्रसाद और उसके भाई सोमेश प्रसाद ने राकेश अस्थाना की मदद से उसका एक मामला निपटाया और इसके एवज में तीन करोड़ रुपए रिश्‍वत ली गई। अस्थाना ने अपने पत्र में कहा है कि मोइन कुरैशी के खिलाफ जांच रुकवाने के लिए सतीश साना ने आलोक वर्मा को दो करोड़ रुपए दिए। साथ ही पत्र में अस्थाना ने यह भी कहा है कि जनवरी में पूछताछ के दौरान सतीश साना ने यह बात कबूल की थी कि कुरैशी का मामला रफा-दफा करने के लिए उसने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद सीएम रमेश से सिफारिश की थी।

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