चीन की नापाक हरकत, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी समेत देश की इन बड़ी हस्तियों कि कर रहा जासूसी

चीन की नापाक हरकत

आरयू वेब टीम। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव थमने का नाम नही ले रहा है। अब ड्रैगन ने भारत के खिलाफ दूसरे रास्तों से भी साजिश रचना शुरू कर दी है। शी जिनपिंग की सरकार नापाक हरकत कर भारत में डिजिटल घुसैपठ करने के काम पर लगी है, लेकिन भारत ने उसकी ये बड़ी साजिश को बेनकाब कर दिया है।

अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट से एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसके मुताबिक, चीन भारत के बड़े राजनीति और सामिरक क्षेत्र में बड़े पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करा रहा है। जासूसी वाली इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत चार पूर्व प्रधानमंत्रियों, पूर्व और वर्तमान के 40 मुख्यमंत्रियों, 350 सांसद, कानून निर्माता, विधायक, सरपंच और सेना से जुड़े लोगों समेत करीब 1350 नाम शामिल हैं।

जिसमें वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, सीडीएस बिपिन रावत, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, एचडी देवगौड़ा समेत चार पूर्व प्रधानमंत्री,70 मेयर, डिप्टी मेयर, अलग-अलग पार्टियों के करीब 700 नेताओं पर भी चीन की नजर है।

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इन मुख्यमंत्री में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर भी ड्रैगन नजरे गड़ाए बैठा है। वहीं कमलनाथ, लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव जैसे कई पूर्व मुख्य मंत्रियों की जासूसी भी चीन ने की है।

इसके अलावा 460 वो लोग भी हैं जो इन नेताओं के करीबी रिश्तेदार हैं। 100 से ज्यादा नेताओं की फैमिली ट्री बनायी गयी है, जिन पर निगाह रखी जा रही है। करीब एक दर्जन मौजूदा और पूर्व राज्यपालों की भी डिटेल्स रखी गयी हैं। वहीं चीन की निगरानी सूची में कई पार्टियों के 200 छोटे व बड़े नेता भी शामिल हैं।

इतना ही नही चीन की जासूसी के निशाने पर हैं, दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, एपीजे अब्दुल कलाम भी थे। पूर्व पीएम राजीव गांधी और चीन के साथ ऐतिहासिक समझौते करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी जानकारियों पर भी चीनी जासूसों की नजर है।

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चीन की जासूसी के जाल में सिर्फ भारतीय राजनेता ही नहीं सेना के कई पूर्व अधिकारी, राजनयिक, संवेदनशील संस्थान और भारत के कई महत्वपूर्ण मिशन पर भी चीन की काली नजर है। जाहिर है युद्ध का मैदान हो या डिजिटल प्लेटफॉर्म हर जगह चीन का डर सामने आ रहा है।

ये चीनी कंपनी कर रही जसूसी

रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कंपनी शेनझेन इंफोटेक और झेन्हुआ इंफोटेक ये जासूसी कर रही। शेनझेन इंफोटेक कंपनी ये जासूसी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार के लिए कर रही। इस कंपनी का काम दूसरे देशों पर नजर रखना है।