दिल्ली विधानसभा में विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश कर बोले केजरीवाल, फेल हो गया ‘ऑपरेशन लोटस’

ऑपरेशन लोटस
विधानसभा में बोलते सीएम केजरीवाल।

आरयू वेब टीम। राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सदन में प्रस्तावित विश्वास मत पेश कर कहा कि ‘ऑपरेशन लोटस‘ फेल हो गया है। भाजपा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को गिराने की कोशिश के दावों के बीच ये कार्य किया गया। सदन शुरू होते ही अरविंद केजरीवाल ने प्रस्ताव रखा। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर छात्रों की जगह अरबपतियों का कर्ज माफ करने का आरोप लगाया।

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा कि विधायकों को ‘आप’ छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लिए 20-20 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, लेकिन हमारे विधायक ईमानदार हैं और ‘ऑपरेशन लोटस’ फेल हो गया। साथ ही कहा कि भाजपा हमारे विधायक खरीदने की पूरी कोशिश की। विश्वास प्रस्ताव से हम साबित करेंगे कि एक भी विधायक नहीं बिका।

उन्होंने कहा, लोगों ने पूछा कि विश्वास प्रस्ताव की क्या ज़रूरत है, मैंने कहा विश्वास प्रस्ताव से हम दिखाना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी का एक-एक विधायक और कार्यकर्ता कट्टर ईमानदार हैं। मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस सफल रहा लेकिन दिल्ली में आकर वह टायं-टायं फिस हो गया। सीएम ने कहा कि भाजपा ने मणिपुर, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में सरकारें गिराईं, कुछ जगह पर उन्होंने 50 करोड़ रुपये भी दिए। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) 15 दिन के भीतर झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे और ईंधन की कीमत बढ़ेगी। ईंधन की बढ़ी कीमत से मिलने वाले धन से विधायक खरीदे जाएंगे।

बता दें कि विश्वास मत पेश करने का प्रस्ताव आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की ओर से ही प्रस्तुत किया गया था, क्योंकि वो साबित करना चाहते थे कि उनकी पार्टी में कोई टूट नहीं है। दरअसल, सीएम केजरीवाल ने बीते दिनों बीजेपी पर सनसनीखेज आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उनकी पार्टी के विधायकों को पाला बदलने के लिए 20 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है।

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वहीं, डिप्टी मनीष सिसोदिया, जिन पर सीबीआइ ने राजधानी की शराब नीति में गड़बड़ करने को लेकर आरोप लगाया था, ने दावा किया था कि भाजपा ने उनके खिलाफ “सभी मामलों को बंद करने” की पेशकश की थी, अगर उन्होंने आप छोड़ दिया और पार हो गए। सीबीआइ ने हाल ही में दिल्ली की शराब नीति में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामले में सिसोदिया के ठिकानों पर छापा मारा था, जिसे इस साल की शुरुआत में पेश किया गया था और फिर वापस ले लिया गया था।

इसके बाद आप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केजरीवाल को ‘डराने’ के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है, जो शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘सराहनीय’ काम के लिए लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने आप के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि वह अपनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। दरअसल, उपराज्यपाल ने पिछले महीने सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी, जिसमें आप पर निजी शराब कारोबारी को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति लाने का आरोप लगाया था।

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