केजरीवाल ने केंद्र से कहा, राजनीति एक तरफ रखें, हम-आप देश के 130 करोड़ लोग मिलकर स्कूलों को करेंगे ठीक

अच्छी शिक्षा देना फ्रीबी नहीं
मीडिया से बात करते सीएम केजरीवाल।

आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय राजधानी की केजरीवाल सरकार और भाजपा फ्रीबी को लेकर आमने-सामने नजर आ रही हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार को प्रस्ताव देना चाहता हूं कि आप राजनीति एक तरफ रखें और हमारी सेवाओं का इस्तेमाल कीजिए। हम, आप और देश के 130 करोड़ लोग मिलकर देश के स्कूलों को ठीक करेंगे। इसको फ्रीबी नहीं कहना चाहिए, अच्छी शिक्षा देना फ्रीबी नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि मेरा एक ही सपना है। भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश देखना चाहता हूं। हम चाहते हैं भारत एक अमीर देश बने। भारत अमीर कैसे बनेगा ? भारत अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा। ऐसा नहीं हो सकता कि देश अमीर है पर जनता गरीब। फिर तो अमीर देश नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर देशवासी को अमीर बनाना पड़ेगा। मैं भारत के हर ग़रीब को अमीर बनाना चाहता हूं।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मुझे अमीरों से कोई दिक्कत नहीं, मैं हर गरीब को अमीर बनाना चाहता हूं। गरीब आदमी अमीर कैसे बने ? मजदूर, किसान का बच्चा सरकारी स्कूल में जाता है। अगर सरकारी स्कूल की शिक्षा शानदार हो तो बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापार कर अपने परिवार की गरीबी दूर कर देगा।

उन्होंने कहा कि देश में 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, इनमें से चंद स्कूल छोड़ दिया जाए तो ज़्यादातर स्कूलों के बुरे हाल हैं। इन 17 करोड़ बच्चों का भविष्य अंधकार में है। इनके मां-बाप के पास पैसे नहीं हैं, ऐसे में वो अपने बच्चों के सरकारी स्कूल भेजते हैं। ऐसे में अगर इन स्कूलों को हम अच्छा बना दें, तो हर बच्चा अपने परिवार को अमीर बनाएगा। ये सभी परिवार अमीर बनेंगे तो भारत भी अमीर बनेगा।

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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, डेनमार्क अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा देता है। हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देते हैं ये देश इसलिए अमीर है। ऐसे में अगर भारतीय को अमीर बनाना है तो 4 काम करने पड़ेंगे। सरकार स्कूल शानदार बनाने होंगे। नए स्कूल खोलने होंगे। कच्चे शिक्षकों को पक्का करना पड़ेगा और शिक्षकों की शानदार ट्रेनिंग करानी होगी। इसके लिए अगर विदेश में भी भेजना पड़े तो शिक्षकों को भेजना चाहिए।

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