कांग्रेस का फिर से मजबूत होना लोकतंत्र व समाज के लिए जरूरी: सोनिया गांधी

कांग्रेस का मजबूत होना
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। कई राज्‍यों में हार के बाद कांग्रेस लगातार इसकी समीक्षा कर रही है। इस बीच मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी के भीतर हर स्तर पर एकजुटता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी का फिर से मजबूत होना इस लोकतंत्र और समाज के लिए जरूरी है। इस दौरान कांग्रेस पार्टी की अंतिरम अध्यक्ष ने ‘‘ध्रुवीकरण के एजेंडे” को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।

एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा डर फैलाने और धमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जिन छात्रों को भारत लाया गया है, उनका करियर कैसे सुरक्षित रहे इस बात की चिंता भी सरकार को करनी चाहिए। सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति की हालिया बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि वह इससे अवगत हैं कि पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में हार से नेता कितने निराश हैं। उन्होंने चिंतन शिविर आयोजित करने की जरूरत पर भी जोर दिया। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और कई अन्य सांसद शामिल हुए।

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने ‘विभाजन एवं ध्रुवीकरण के एजेंडे” को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बंटवारे के समय के तथ्य और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना सत्तारूढ़ पार्टी के लिए नियमित बात हो चुकी है। उनके मुताबिक, ‘‘हम भाजपा को, सदियों से हमारे विविधतापूर्ण समाज को एकजुट रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द व सद्भाव के रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘आगे रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण है। हमारे समर्पण, लचीलेपन की भावना और प्रतिबद्धता की परीक्षा है। हमारे व्यापक संगठन के हर स्तर पर एकजुटता जरूरी है। इसे सुनिश्चित करने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं।’’

साथ ही सोनिया गांधी ने यह भी कहा था कि यदि जी-23 के नेताओं के सुझावों में कुछ दम होगा तो वे उन्हें स्वीकार करेंगी। ‘शिविर का आयोजन बेहद जरूरी है। वहां पार्टी के लोगों की राय को सुना जा सकेगा। वे एक क्लियर रोडमैप दे सकेंगे। इससे हम यह तय कर पाएंगे कि भविष्य में चुनौतियों से निपटने के लिए हमें किस तरह से काम को आगे बढ़ाना है।

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