आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सरकारी नौकरियों में भर्ती के पांच साल तक संविदा पर रखे जाने की बात सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसका विरोध जताया है। रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि नवनियुक्त कर्मचारियों को पहले पांच सालों तक संविदा पर रखना युवाओं के जख्म कुरेदने के जैसा है।
कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए आज अपने एक बयान में कहा है कि यूपी समेत देश में भयंकर रूप से बढ़ती बेरोजगारी और लगातार गिरती अर्थव्यवस्था से युवाओं का भविष्य खतरे में है जिससे छात्र-युवा हताश और निराश हैं। ऐसे समय में अब योगी सरकार का नयी नियुक्तियों को पहले पांच साल संविदा पर रखे जाने के प्रस्ताव का लाया जाना यूपी के छात्र-छात्राओं और युवा वर्ग के साथ ऐतिहासिक अन्याय जैसा कृत्य है।
रोजगार सृजन में पूरी तरह से फेल योगी सरकार
साथ ही लल्लू ने दावा करते हुए कहा है कि योगी सरकार प्रदेश में नए रोजगार सृजन के मामले में पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जिन युवाओं को हसीन ख्वाब दिखाकर भाजपा सत्ता में आयी थी, आज उन्हीं के साथ बीजेपी सरकार ऐतिहासिक छल कर रही है।
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हमला जारी रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब युवा रोजी-रोटी की चिंता में नौकरी मांगता है, रूकी हुई परीक्षाएं कराने और अटकी भर्तियां घोषित करने की मांग करता है तो भाजपा के नेता कुत्ता पालने, खिलौना बनाने, पकौड़ा बनाने की सलाह देते हैं जिससे यह साफ होता है कि भाजपा नेतृत्व का शिक्षा और युवाओं के भविष्य से कोई सरोकार नहीं रह गया है।
प्रदर्शन के दर्द को समझने और निस्तारित करने के…
उन्होंने आगे कहा कि पिछले दिनों ही प्रदेश के छात्र नौजवानों द्वारा बेरोजगारी और चौपट अर्थव्यवस्था के विरोध में ताली-थाली बजाकर विरोध दर्ज कराने का अभियान चलाया, जिसे युवाओं व अन्य का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है। उस प्रदर्शन के दर्द को समझने और निस्तारित करने के बजाये इस तरह के फैंसले लेने का मतलब साफ है कि मौजूदा योगी सरकार रोजगार के साथ ही युवा विरोधी भी है।
अलोकत्रांतिक और गैर-जिम्मेदाराना है फैसला
लल्लू के अनुसार योगी सरकार का पांच साल संविदा वाला फैसला बेहद अलोकत्रांतिक और गैर-जिम्मेदाराना फैसला है। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राज्य कर्मचारी का लगभग 70 फीसदी हिस्सा समूह ख और समूह ग से आता है। ऐसे में इन समूह की भर्ती को “मिजरेबल की परफॉरमेंस इंडिकेटर फार्मूला” के आधार पर उनकी दक्षता को तय करके ही परमानेंट करना, इस समूह की भर्ती होने वाले कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
कर्मचारियों की दक्षता तय करने वाली सरकार अपने मंत्रियों…
साथ ही अजय कुमार ने तंज भरे लहजे में कहा कि कर्मचारियों की दक्षता और प्रदर्शन को तय करने वाली सरकार अपने मंत्रियों, कानून-व्यवस्था, महिला उत्पीड़न और बच्चियों के साथ रेप और हत्या को मापने का भी कोई पैमाना लाये तो प्रदेश की जानता उनको साधुवाद देगी।