आरयू संवाददाता, कानपुर। कोरोना वायरस से संक्रमण होने के चलते जहां अब तक देश भर में नौ लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कोरोना वायरस का डर भी लोगों की जान ले रहा है। हाल के दिनों में दो मामले सामने आने के बाद मंगलवार को एक बार फिर यूपी में कोरोना वायरस के डर से युवक के जान देने का मामला सामने आया है। ये मामला सोमवार को कानपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के मिलने के ठीक बाद आज कानपुर से ही सामने आया है।
कानपुर जिले के सचेंडी थाना क्षेत्र के बिनौर गांव में 30 वर्षीय युवक ने कोरोना वायरस होने के डर से फांसी लगाकर जान दे दी। मंगलवार को युवक का शव कमरे में लटकता देख परिजनों में कोहराम मच गया है। युवक करीब हफ्ते भर पहले ही खजुराहो से घूमकर लौटा था, जिसके बाद से उसे खांसी आ रही थी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही अपनी छानबीन शुरू कर दी है।
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बताया जा रहा है कि बिनौर गांव निवासी मनीष तिवारी (30) करीब हफ्ते भर पहले खजुराहों से घूमकर लौटा था। वहां से लौटने के बाद मनीष को खांसी आ रही थी। जिसके बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने का लोगों से अंदेशा जताता रहता था।
कल रात मनीष घर की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में परिजनों से सोने की बात कहकर गया था। आज सुबह काफी देर होने पर भी मनीष नीचे नहीं उतरा तो परिजन उसे जगाने पहुंचे। जहांं कमरे का नजारा देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी। कमरे में पंखे के सहारे फंदे से मनीष की लाश लटक रही थी। जिसके बाद घर में रोना-पीटना मच गया।
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कुछ ही देर में सूचना पाकर मौके पर पहुंची सचेंडी पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। वहीं बड़े भाई आशीष तिवारी ने मीडिया को बताया कि मनीष को खजुराहों से लौटने के बाद से खांसी आ रही थी। जिसको लेकर वह परेशाना था। साथ ही वह कोरोना वायरस की बढ़ रही घटनाओं का जिक्र अक्सर करता था। इसको लेकर भी वह तनाव में था। हालांकि उन लोगों ने यह नहीं सोचा था कि मनीष कभी ऐसा भी कदम उठा सकता है।
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मनीष की मौत से जहां परिजनों में रोना-पीटना मचा था। वहीं आसपास के लोग घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे। लोगों का मानना था कि परिवार में अगर किसी को इस बारे में शंका भी हो जाए तो बातचीत कर समझाने के साथ ही उसकी जांच भी करानी चाहिए।
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बताते चलें कि देशभर में छाए कोरोना वायरस के खतरे के बीच अब तक यूपी में तीन, जबकि दिल्ली में एक युवक ने आत्महत्या की है। दिल्ली में जहां युवक ने अस्पताल की सातवीं मजिल से कूदकर जान दी थी। वहीं यूपी के हापुड़ में एक युवक ने गला काटकर, जबकि बरेली में दूसरे ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी।
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कोरोना के खतरे के बीच आत्महत्याओं की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब लोगों की चिंता इसको लेकर भी बढ़ रही है। हालांकि डॉक्टरों व जानकारों का मानना है कि कुछ सावधानी बरतकर कोरोना वायरस से आसानी से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी अब तक यूपी के 34 लोगों में से 11 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
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कोरोना वायरस के खतरे के बीच हो रही आत्महत्याओं को देखते इस पर भी चर्चा की जा रही है कि युवा वर्ग पर कोरोना वायरस बुजुर्गों की अपेक्षा कम असर करता है, यही वजहें है कि युवा वर्ग कोरोना से लड़ने में अधिक सक्षम होता है। इसके बावजूद अब तक जिन चार लोगों के जान देने की बात सामने आयी है वह सभी युवा वर्ग से संबंधित थे।