पटाखों के बीच गोली लगने से कक्षा पांच की छात्रा की मौत, क्षेत्रिय पुलिस को खबर नहीं

shama parents
मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी पर शमा के परिजन। फोटो- आरयू

आरयू रिपोर्टर

लखनऊ। बाजारखाला के सचिवालय कालोनी में दीवाली की रात पटाखों के बीच संदिग्‍ध हाल में गोली चलने से छत पर खेल रही कक्षा पांच की छात्र की मौत हो गई। गोली छात्रा के सीने पर लगी थी। परिजनों ने किसी प्रकार की रंजिश से इंकार किया है। आशंका जताई जा रही हैं दीवाली के धूम धड़ाके में किसी मनबढ़ की फायरिंग घटना की वजह बनी है। फिलहाल चौक पुलिस ने शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया है। दूसरी ओर क्षेत्रिय बाजारखाला पुलिस ने घटना की जानकारी से ही इंकार किया है।

काकोरी में तैनात सिचाई विभाग के सीचपाल मोहम्‍मद दिलशाद मोतीझील के पास स्थित सचिवालय कालोनी की तीसरी मंजिल पर पत्‍नी शाहिना परवीन, बेटे परवेज, अन्‍नू व बेटी शमा और सना के साथ रहते हैं। दिलशाद ने बताया शनिवार की रात उनकी 11 साल की बेटी शमा कालोनी के बच्‍चों के साथ छत पर खेल रही थी। वहीं कई सारे अन्‍य बच्‍चें पटाखें जला रहे थे। पटाखों के शोर के बीच एकाएक शमा रोते हुए गिर पड़ी। सीने से खून निकलता देख पहले तो घरवालों ने सोचा कि पटाखें से जल गई होगी। इलाके के एक निजी अस्‍पताल में पहुंचाने पर डॉक्‍टरों ने गोली लगने की बात बताई तो उनके होश उड़ गए। परिजन गंभीर रूप से घायल बच्‍ची को आनन-फानन में ट्रामा सेंटर पहुंचे जहां डॉक्‍टरों ने जांच के बाद शमा को मृत घोषित कर दिया। गोली शमा के सीने पर बाई और जबकि दूसरी ओर उससे थोड़ा नीचे लगी थी। हालांकि दूसरा निशान गोली के बाहर निकलने का समझा जा रहा है। घरवालों का कहना था कि उन लोगों की किसी से कोई दुश्‍मनी नहीं हैं। शमा इलाके में ही स्थित सिद्धार्थ शिक्षा निकेतन में कक्षा पांच की छात्रा थी।

घटना के समय कालोनी की छतों पर थी भीड़

शमा को गोली लगने के समय सचिवालय कालोनी की छतों पर भीड़ थी। बड़ी संख्‍या में लोग पटाखे जला रहे थे। इसके साथ ही कई लोग असलहे के साथ भी देखे गए थे। हालांकि नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी की वजह से भी उनके गनर समेत अन्‍य लोगों का कालोनी में असलहा लेकर टहलना आम बात है। घटना के बाद दहशत में आया परिवार खुलकर कुछ बोलने से भी बच रहा है।  दूसरी ओर घटना के करीब 15 घंटे बाद भी क्षेत्रिय इंस्‍पेक्‍टर बाजारखाला ने तो घटना की जानकारी से ही इंकार किया है। ऐसे में इस हत्‍या की जांच का ऊपरवाला ही मालिक हो सकता है।