आरयू वेब टीम।
तामिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके एम करुणानिधि को बुधवार की शाम चेन्नई के मरीना बीच पर लाखों लोगों ने नम आंखों से साथ अंतिम विदाई दी। मद्रास उच्च न्यायालय में पूरी रात चली सुनवाई के बाद आए फैसले के उपरांत सरकार ने अंत में उन्हें मरीन बीच पर अंतिम विश्राम की जगह दी। जिसके बाद लाखों प्रशंसकों, समर्थकों, तमाम हस्तियों की अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि के बाद उन्हें दफनाया गया।
करुणानिधि का अंतिम संस्कार आज पूरे सैन्य राजकीय सम्मान के साथ किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा, राहुल गांधी, केन्द्रीय मंत्री और तमिलनाडु से भाजपा के एकमात्र लोकसभा सदस्य पोन राधाकृष्णन, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मरीना बीच पर दिवंगत नेता को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। करुणानिधि के पुत्र और उनके संभावित उत्तराधिकारी एम. के. स्टालिन को उनके पिता के शरीर पर लिपटा तिरंगा सौंपा गया। द्रमुक प्रमुख की पत्नी राजति अम्मल और अन्य पुत्रों तथा पुत्रियों ने अपने पिता के चरणों पर पुष्प अर्पित किए।
अंतिम क्षणों में करूणानिधि के शव वाले ताबूत को कब्र में उतारे जाने से पहले स्टालिन ने अपने पिता के पैर छुए और वह रोते रहे। उनकी सबसे छोटी बेटी और राज्यसभा सदस्य कनिमोई ने अंतिम बार अपने पिता के सिर और गालों को बड़े प्रेम से स्पर्श किया। चूंकि करूणानिधि ने स्वयं को नास्तिक और तर्कवादी घोषित किया था, इसलिए उनके अंतिम संस्कार के दौरान कोई हिन्दु रीति-रिवाज नहीं हुआ।
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द्रविड़ राजनीति के अगुवा मुथुवेल को अंतिम विदा देने के लिए पूरे देश के बड़े और रसूखदार लोग आज चेन्नई में जमा थे। बेहद कम उम्र में स्कूल छोड़ने वाले करूणानिधि ने अपने दशकों लंबे सार्वजनिक जीवन में लेखन, सिनेमा और राजनीति में बड़ा नाम बनाया।
वहीं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबु नायडू, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, माकपा महासचिव सीतारात येचुरी, माकपा नेता प्रकाश करात, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी सहित देशभर से तमाम बड़े नेता करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
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