#DelhiElection2020ExitPoll में फिर दिल्‍ली के किंग बनें AAP के केजरीवाल, भाजपा रह गई बहुत दूर, कांग्रेस की भी हालत खराब

दिल्‍ली के किंग

आरयू वेब टीम। पांच साल सत्‍ता चलाने के बाद काम के बदले जनता से वोट मांगने वाले दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर दिल्‍ली के सीएम की कुर्सी पर विराजमान हो सकते हैं। शनिवार शाम दिल्‍ली विधानसभा का मतदान पूरा होने के बाद सामने आए विभिन्‍न मीडिया संस्‍थानों के एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी को सबसे ज्‍यादा सीटें देकर ये संभावना जतायी है। एग्जिट पोल में मिल रही सीटों की संख्‍या में आप व अन्‍य के मुकाबले में जमीन-आसमान का फर्क है।

न्यूज एक्स की ओर से जारी एग्जिट पोल के मुताबिक ‘आप’ को 70 विधानसभा सीटों में 50 से 56 सीटें, भाजपा को दस से 14 जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुलने का अनुमान लगाया गया है।

एबीपी न्यूज-सीवोटर के एग्जिट पोल के अनुसार, आम आदमी पार्टी के खाते में 49 से 63 सीटें आने की संभावना है। जबकि भाजपा को 5 से 19 सीटें मिलेंगी। वहीं कांग्रेस को 0 से लेकर 4 सीटें तक मिल सकती हैं।

वहीं बात करें रिपब्लिक टीवी’-जन की बात के एग्जिट पोल की तो यहां भी आम आदमी पार्टी को 48 से 61 सीटें मिलने की बात कही गयी है, जबकि बीजेपी को नौ से 21 और कांग्रेस को शून्‍य से एक सीट मिलने की संभावना जताई गई है।

इसी प्रकार टाइम्स नाउ-आईपीएसओएस के एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को 44 और भाजपा को 26 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुलने की बात कही गयी है।

इसके अलावा टीवी9- सिसरो के एग्जिट पोल के अनुसार, आप को 54, भाजपा को 15 जबकि कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।

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उल्‍लेखनीय है कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत मिलने के बाद दिल्ली के सीएम बने अरविंद केजरीवाल एक और कार्यकाल हासिल करने के प्रयास में हैं। केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी, और बाकी तीन सीटें भाजपा के हिस्सें में गई थीं।

साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप को 54.3 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा 32.3 फीसदी वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही थी और कांग्रेस को केवल 9.7 प्रतिशत वोट मिल पाए थे। इससे सिर्फ दो साल पहले, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीतकर आठ सीटें जीतने वाली कांग्रेस के साथ बिना शर्त समर्थन से सरकार बनाई थी, मगर वह अधिक समय तक नहीं चल पाई थी।

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