आरयू वेब टीम। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर किसानों के समर्थन में प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि तीन से चार लोग मिलकर देश को चला रहे हैं और मौजूदा सरकार कुछ लोगों को फायदा पहुंचा रही है, देश में कृषि व्यवस्था के ढांचे को तहस-नहस करने की कोशिश की जा रही है। इस त्रासदी को सारा देश देख रहा है। इस दौरान राहुल गांधी ने ‘खेती का खून’ किताब भी लॉन्च की।
वहीं प्रेसवार्ता में मीडिया के सवालों का जवाब देते राहुल ने कहा कि पूरा देश खिलाफ हो जाए, मैं फिर भी सही के लिए लड़ता रहूंगा। मैं नरेंद्र मोदी या बीजेपी से नहीं डरता हूं। मैं एक साफ इंसान हूं। मुझे यह छू नहीं सकते। बात को समझिए, हां गोली से मार सकते वो अलग बात है। मगर छू नहीं सकते। उन्होंने कहा कि भले ही पूरा देश दूसरी तरफ खड़ा हो जाए लेकिन मैं अकेला खड़ा रहूंगा। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। राहुल गांधी ने कहा कि ये लोग किसानों को थकाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।
पंजाब के किसान पूरे देश को बचाने के लिए हुए खड़े
राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब के किसान पूरे देश को बचाने के लिए आज आकर खड़े हुए हैं इसलिए सभी लोगों को उनका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले छह-सात साल को देखें तो हर इंडस्ट्री में उन्हीं चार पांच लोगों की मोनोपोली बढ़ी है। टेलीकॉम हो या अन्य प्रमुख व्यवसायों में इस देश के चार-पांच लोगों का वर्चस्व है। राहुल ने कहा- ‘आज तक खेती में मोनोपोली नहीं थी। खेतों का फायदा किसानों को और मिडिल क्लास को जाता था। एक ढांचा इन लोगों की रक्षा करता था। मंडियां, कोर्ट इनकी रक्षा करती थी। लेकिन अब इसे खत्म किया जा रहा है। इसलिए किसान आज बाहर खड़े हैं। ‘
… जब गुलाम बन जाओगे तब मानना
साथ ही कहा कि युवाओं को समझना होगा कि किसान आपके भोजन की रक्षा कर रहे हैं और हमलोगों को इनकी रक्षा करनी है। वहीं नड्डा के सवालों पर राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के सवाल सबसे पहले कांग्रेस उठाती रही है। उन्होंने कहा- ‘भट्टा-परसौल में नड्डा जी और मोदी जी तो नहीं खड़े ते… नड्डा जी कहां थे मुझे तो नहीं दिखे।’ जिस चीज से ये देश लड़ा है आज फिर वही हो रहा है।आज मेरी बात नहीं मानो, लेकिन जब गुलाम बन जाओगे तब मानना।’
स्पष्ट रणनीतिक दृष्टि रखता है चीन
इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने चीन पर बोलते हुए कहा, “चीन के पास दुनिया को आकार देने की स्पष्ट रणनीतिक दृष्टि है जो भारत के पास नहीं है। भारत ऐसा करता है और वह रणनीतिक रूप से काम नहीं करता है। चीन दो बार परीक्षण कर चुका है। एक बार डोकलाम में और दूसरा लद्दाख में।” राहुल ने आगे कहा, “यदि भारत उन्हें स्पष्ट संदेश नहीं देता है और स्पष्ट सैन्य, आर्थिक भू राजनीतिक रणनीति बनाता है, तो चीन चुप नहीं रहेगा, लेकिन इसका अधिकतम लाभ उठाएगा। जिस दिन ऐसा होगा, हमें नुकसान होगा।” राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति पर कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी नहीं करूंगा और भारत सुप्रीम कोर्ट की वास्तविकता देख सकता हूं।