केरल CM के धरने में शामिल हो केजरीवाल ने कहा, विपक्ष को परेशान करने के हर हथकंडे अपना रही मोदी सरकार

प्रदर्शन में केजरीवाल
प्रदर्शन को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल।

आरयू वेब टीम। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को राज्यों के लिए धन जारी करने में भेदभाव को लेकर केंद्र के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर केरल के समकक्ष पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। केजरीवाल ने प्रदर्शन में कहा कि विपक्षी दल देश के 70 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा ने विपक्ष शासित राज्यों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। मोदी सरकार विपक्षी सरकारों को परेशान करने के लिए हर हथकंडे अपना रही है।

केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर भी मोदी सरकार की आलोचना की। केजरीवाल ने कहा कि ईडी अब एक नया हथियार है। अभी तक किसी व्यक्ति पर दोष साबित होने के बाद ही उसे जेल भेजा जाता था, लेकिन अभी उन्होंने तय ही किया है कि किसे जेल भेजना है, तो सोचिए कि उस पर कौन सा केस थोपा जाए…हेमंत सोरेन को तब जेल में डाल दिया गया है, जब केस शुरू ही नहीं हुआ था…कल वे मुझे भी डाल सकते हैं, विजयन जी, स्टालिन साहब, सिद्धारमैया साहब जेल में और सरकार गिराओ।

भाजपा पर हमला जारी रखते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह उन्हें वैध धन से वंचित कर रहा है, राज्यपालों और एलजी के माध्यम से काम में बाधा डाल रहा है। वे विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके उन्हें परेशान भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी “यहां हमारे परिवारों के लिए भीख मांगने या कुछ मांगने नहीं आए हैं।”

उन्होंने कहा कि मैं यहां दो करोड़ लोगों का हक मांगने आया हूं। अगर आप हमें फंड नहीं देंगे तो हम सड़क कैसे बनाएंगे, बिजली कैसे देंगे और विकास के लिए काम कैसे करेंगे। पंजाब का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ग्रामीण विकास निधि जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।

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केजरीवाल ने कहा कि मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि अहंकार न करें। एक समय आ सकता है जब हम वहां ( होंगे और आप यहां (विपक्ष में) होंगे और वही कानून आपको परेशान कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल विपक्ष शासित राज्यों में राज्य के विषयों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और विपक्षी नेताओं को फंसाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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