एक महीने में नहीं, UPTET की परीक्षा जनवरी में ही होगी, परीक्षार्थियों की बढ़ी चिंता

शिक्षक पात्रता परीक्षा
यूपीटेट की परीक्षा कैंसिल होने के बाद लखनऊ के एक सेंटर से निराश लौटते परीक्षार्थी। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। नवंबर में होने वाली उत्‍तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटेट2021) दिसंबर में भी नहीं हो सकेगी। पिछले महीने पेपर लीक होने के बाद इसे सरकार की ओर से एक महीने में कराने का परीक्षार्थियों को आश्‍वासन दिया गया था, लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार इसे दिसंबर में भी नहीं कराया जाएगा। तैयारियों में देरी की वजह से अब इसे जनवरी के आखिरी हफ्ते में कराने की आधिकारियों की ओर से बात सामने आ रही। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

इसी के साथ दिसंबर में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने की अटकलें भी समाप्त हो चुकी हैं। अब इसे जनवरी के अंतिम सप्‍ताह में पड़ने वाले रविवार यानि 23 या 30 जनवरी को कराए जाने की अटकलें लग रहीं हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी इसके लिए आधिकारिक घोषणा किया जाना बाकी है।

यह भी पढ़ें- परीक्षा से पहले UPTET का पेपर हुआ लीक, 23 आरोपित गिरफ्तार

वहीं इन सबके बीच पेपर लीक होने के बाद परीक्षा व भविष्‍य की चिंता को लेकर तनाव झेल रहे यूपीटेट के परीक्षार्थियों की टेंशन और बढ़ती जा रही है। परीक्षार्थियों को डर है कि अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते कहीं इस पूरी परीक्षा को ही न लटका दिया जाए। पेपर कराने को लेकर पूर्व में की गयी शिक्षा विभाग की लापरवाहियों व मिलीभगत को देखते हुए परीक्षार्थी खासे परेशान है। वहीं यूपी सरकार व शिक्षा मंत्री द्वारा एक महीनें में परीक्षा कराए जाने के दावे की हकीकत सामने आने के बाद परीक्षार्थियों की टेंशन और बढ़ गयी है।

यह भी पढ़ें- UPTET पेपर लीक मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त होगी संपत्ति, सीएम ने दिए निर्देश

बताते चलें कि शिक्षा विभाग की धीमी तैयारियों को देखते हुए राजधानी अपडेट डॉट कॉम ने पहले ही बता दिया था कि सरकार के दावों के अनुसार दिसंबर में यूपीटेट की परीक्षा कराना संभव नहीं है। तैयारियां इसी तरह से चलती रहीं तो इसे अगले साल जनवरी में ही कराया जा सकेगा। शिक्षा विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट ने हमारी खबर मुहर लगायी है।

यह भी पढ़ें- जनवरी में होगी यूपीटेट की परीक्षा, प्रवेश पत्र से लेकर परीक्षा केंद्र तक में होगा बदलाव!

वहीं इस पूरे मामले को लेकर अधिकारी अब भी भले ही खुलकर बोलने से बच रहें, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से प्रश्‍न पत्र और ओएमआर शीट (उत्तरपत्रक) छपवाने के लिए प्रिंटिंग प्रेस तय करने और केंद्रों की दोबारा जांच कराने में समय लगने की बात कही जा रही है।

दूसरी ओर इस बार टीईटी केंद्रों के परीक्षण और पुनर्निर्धारण के बाद केंद्रों की संख्या में 15 प्रतिशत तक कमी होने की उम्मीद जताई जा रही। शासन ने डीएम को निर्देशित किया है कि वह अपने स्तर से केंद्रों का परीक्षण करा लें। अच्छी ख्याति के स्कूलों को ही केंद्र बनाया जाए। 28 नवंबर की परीक्षा के लिए जो केंद्र बनाए गए थे, उनमें काफी संख्या में वित्तविहीन स्कूलों को जिम्मेदारी दे दी गई थी।

यह भी पढ़ें- UPTET एग्जाम की अटकलों के बीच बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कब होगी परीक्षा

वहीं प्रयागराज समेत तकरीबन एक दर्जन ऐसे जनपद हैं जहां अनावश्यक केंद्र बनाए गए थे। ऐसे स्कूलों को केंद्र बना दिया गया था जहां 500 परीक्षार्थियों को भी बैठाने का इंतजाम नहीं, इसके कारण भी केंद्रों की संख्या बढ़ गई थी। वहीं कुछ बड़े स्कूलों में कम परीक्षार्थी आवंटित किए गए थे। यही कारण था कि प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 2554 केंद्र बनाए गए थे। अब नये सिरे से केंद्रों के निर्धारण में डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय और दूसरे बोर्ड के अच्छे स्कूलों को भी शामिल करने पर केंद्रों की संख्या 15 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।