एक परिवार की जागीर बनकर रह गया था सहकारिता विभाग: मुकुट बिहारी

सहकारिता विभाग
जनसुनवाई करते कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चान्द्र श्रीवास्तव व अन्य।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में योगी सरकार के छह महीने के कार्यकाल के बाद पहली बार को-ऑपरेटिव को छह महीने में 45.71 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ है। यह मुनाफा पिछले सालों की तुलना में सबसे ज्‍यादा है। सपा-बसपा की सरकारों के दौरान घाटे से गुजर रही को-ऑपरेटिव बैंको को पहली बार इतना बड़ा फायदा हुआ।

यह बातें आज भाजपा के प्रदेश मुख्‍यालय पर जनसमस्‍याओं की सुनवाई करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कही। मुकुट बिहारी ने आगे कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान बंद पड़े 16 को-ऑपरेटिव बैंकों में से आठ बैंको से लेनदेन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। जबकि बाकी के बैंकों में समिति भुगतान शुरू कर दिया गया। सरकार की कोशिश है कि जल्दी ही उनमें भी सामान्‍य भुगतान शुरू हो जाए।

यह भी पढ़ें- योगी ने पेश किया अपनी सरकार का छह माह का लेखा-जोखा, विरोधियों पर साधा निशाना

वहीं उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सपा और बसपा की सरकार में सहकारिता विभाग भ्रष्टाचार एवं एक परिवार की जागीर बनकर रह गया था, लेकिन अब सहकारिता विभाग गांव, गरीब व किसानों की भलाई के लिए लगातार कदम उठा रहा है। भवन व कार खरीद के ब्‍याज ऋण प्रतिशत में भी कटौती की गई है।

यह भी पढ़ें- योगी की कैबिनेट में लिखित परीक्षा अनिवार्य किए जाने पर शिक्षामित्रों ने जताया विरोध, उठाएंगे यह कदम

योगी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कैबिनेट मंत्री बोले कि प्रदेश के सभी को-ऑपरेटिव बैंको को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है। गेहूं की खरीद 19.76 लाख मैट्रिक टन हुई हैं जिससे विभाग को 130 करोड़ का कमीशन मिला हैं। जबकि भ्रष्टाचार के मामले में सख्‍ती दिखाते हुए 25 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

यह भी पढ़ें- कार्यकर्ताओं से बोले प्रदेश अध्‍यक्ष जनता तक ले जाए योगी के निर्णय, सरकारी मशीनरी पर रखें निगाह