आरयू वेब टीम। लॉकडाउन के दौरान देशभर के इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर कॉलेजों और संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि जबतक लॉकडाउन खत्म होकर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक वे विद्यार्थियों से फीस नहीं मांगेगे। इस दौरान वे शिक्षकों का वेतन भी नहीं रोकेंगे। यही नहीं, वे इस दौरान किसी की नौकरी भी नहीं जाएगी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत काम करने वाले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के सदस्य सचिव प्रफेसर राजीव कुमार ने सभी कॉलेजों को पत्र लिख कर इस बारे में निर्देश दिए हैं। संगठन ने कहा है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता और हालात सामान्य नहीं होते, तब तक वे विद्यार्थियों से फीस नहीं मांगेंगे। फीस कब लिया जाना है, इस बारे में दोबारा गाइडलाइन जारी की जाएगी।
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इस दौरान ये भी स्पष्ट किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी। यदि किसी संस्थान ने ऐसा किया है तो उन्हें तुरंत फिर से उन्हें बहाल करना होगा। इसके साथ ही स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान का वेतन भी देना होगा। साथ ही एआइसीटीई के पत्र में स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि कोई तकनीकी कॉलेज नियमों का उल्लंघन करता है तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें अन्य बातों के अलावा मान्यता भी रद्द भी हो सकती है।
गौरतलब है कि एआइसीटीई को छात्रों और शिक्षकों ने शिकायत भेजी थी। विद्यार्थियों की तरफ से कहा गया था कि उनसे जबरन फीस भरवाया जा रहा है। इसके अलावा संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों ने नौकरी जाने और वेतन का भुगतान नहीं करने की शिकायत की थी। मालूम हो कि इस समय एआइसीटीई से मान्यता पाने वाले देश भर में 10487 संस्थान या विश्वविद्यालय चल रहे हैं। इनमें वर्ष 2019-20 के दौरान कल 3284417 विद्यार्थियों का कुल इनटेक था।