आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छेड़छाड़ (मॉर्फ) से तैयार की गई तस्वीर (मीम) सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा की महिला कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद जमानत मिल गई है। मामले में कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को इस शर्त पर जमानत दी कि उन्हें लिखित तौर पर माफी मांगनी होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम जमानत दे सकते हैं, लेकिन उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी। प्रियंका के वकील ने इस पर हामी भरी। वहीं सुनवाई के बाद प्रियंका शर्मा की मां राजकुमारी शर्मा ने खुशी जतायी और कहा कि मैं बता नहीं सकती कि मैं कितनी खुश हूं। मुझे अपनी बेटी के लौटने का इंतजार है।
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बता दें कि इससे पहले न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल की इस दलील पर गौर किया कि जेल में बंद कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है।
प्रियंका शर्मा को तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत दस मई को गिरफ्तार किया था। एनके कौल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय अदालतों में 14 मई तक पूर्ण हड़ताल होने के कारण ही भाजपा की गिरफ्तार इस कार्यकर्ता को अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जिसके बाद पीठ इस मामले की मंगलवार को सुनवाई के लिये तैयार हो गई। हावड़ा की स्थानीय अदालत ने 11 मई को प्रियंका को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
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गौरतलब है कि भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने फेसबुक पर एक ऐसी फोटो कथित रूप से साझा की थी जिसमें न्यूयॉर्क में ‘मेट गाला’ समारोह में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर में फोटोशॉप के जरिए ममता का चेहरा लगाया गया था। प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी के बाद भाजपा और सोशल मीडिया के अन्य यूजर ने इसका विरोध किया था।