आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते डेढ़ महीने से गुजरात के अहमदाबाद में फंसे एक युवक की शनिवार को चारबाग रेलवे स्टेशन के पास पहुंचने पर ट्रेन में ही एकाएक दर्दनाक मौत हो गयी। युवक की मौत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन में साथ सफर कर रहे अन्य यात्रियों में दहशत फैल गयी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची जीआरपी ने युवक के परिजनों को घटना की जानकारी देने के साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
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घटना को लेकर एक ओर जहां युवक के साथ सफर तय करने वालों में इस बात की दहशत थी कि कहीं युवक कोरोना संक्रमित तो नहीं था, वहीं दूसरी ओर लोगों में इस बात का गम भी था कि घरवालों से मिलने के इंतजार में 45 दिनों का लॉकडाउन झेलने व तमाम दिक्कतों के बाद ट्रेन का इतना लंबा सफर तय करने के बाद भी युवक अपने परिजनों से जीते जी मुलाकात नहीं कर सका।
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इंस्पेक्टर जीआरपी ने बताया कि मृतक की पहचान सीतापुर निवासी कन्हैयालाल के रूप में हुई है। कन्हैयालाल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही सीतापुर निवासी उसके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गयी है। वहीं युवक से मिलने की आस लगाए कन्हैयालाल के परिजनों को आज शाम उसके मौत की खबर मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार रात तक उसके घरवालें रोते-पीटते लखनऊ पहुंच चुके थे।
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बताया जा रहा है कि मूल रूप से राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जिले सीतापुर निवासी करीब 28 वर्षीय कन्हैयालाल गुजरात के अहमदाबाद में नौकरी करता था। गुजरात के ढोला से चलकर लखनऊ आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में कन्हैयालाल सफर कर रहा था।
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आज शाम करीब पांच बजे ट्रेन के चारबाग के करीब पहुंचने पर एकाएक कन्हैयालाल अपनी सीट से नीचे गिर पड़ा। जिसके बाद ट्रेन में हड़कंप मच गया। यात्रियों ने कोरोना के खौफ के चलते किसी तरह उसे उठाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। साथ यात्रा कर रहे अन्य युवकों ने बताया कि कन्हैयालाल की हालत कानपुर तक बिल्कुल ठीक थी।
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वहीं जानकारी पाकर मौके पर पहुंची जीआरपी ने शव को वहीं मौजूद कुछ युवकों की सहायता से बाहर निकलावाया। मृतक के पास से मिले कागजात के आधार पर पुलिस ने उसकी शिनाख्त करते हुए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। इंस्पेक्टर जीआरपी का कहना है कि युवक कोरोना से संक्रमित था या नहीं इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। घरवालों को सूचना दी गयी थी वह लोगा आ चुके हैं। जीआरपी आगे की कार्रवाई कर रही है।