आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ के महानगर इलाके में आज एक दर्दनाक घटना देख लोग दहल गए। फातिमा रेलवे क्रासिंग के पास एक महिला ने अपने दो मासूमों बेटों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। तीन जानों को एक साथ निगलने वाली इस घटना के पीछे पति के बेरोजागार होने व घरेलू कलह की बात सामने आ रही। सूचना पाकर मौके पर पहुंची महानगर पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को मधु के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस आशंका जता रही है कि घरेलु कलह से तंग होकर मधु ने दोनों बेटों के साथ दुनिया छोड़ने का फैसला एकाएक लिया होगा। दूसरी ओर मृतकों के परिजनों में रोना-पीटना मचा था।
महानगर इलाके में स्थित बाल्दा कॉलोनी (निशातगंज) निवासी मधु गुप्ता (36 वर्ष) ने आज सुबह करीब साढे साते बजे अपने बड़े बेटे आन्य (आठ साल) को महानगर स्थित सीएमएस स्कूल छोड़ने के लिए तैयार किया और छोटे बेटे अमित (ढाई साल) को गोद में लेकर स्कूल छोड़ने के नाम पर घर के बाहर कुंडी लगाकर निकल गई।
रास्ते में पड़ने वाली फतिमा रेलवे क्रासिंग बंद होने पर वाहन सवार व अन्य लोग ट्रेन गुजरने का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान मधु भी दोनों बेटों के साथ वहां पहुंच गयी। चंद ही मिनटों बाद ट्रेन आते देख मधु एकाएक क्रासिंग के नीचे निकल गयी, लोग कुछ समय पाते इससे पहले ही उसने ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। यह देख मौके पर मौजूद लोग सहम गए।
छोटे बेटे व मां की मौके पर मौत
ट्रेन की चपेट में आने से मधु व छोटे बेटे अमित की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी, जबकि गंभीर रूप से घायल आन्या की सांसे चल रही थी। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी देने के साथ ही आन्य को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां कुछ ही देर बाद बड़े बेटे की भी मौत हो गयी।
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सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मधु के पति शशिभूषण गुप्ता ने रोते-कलपते हुए अपने दोनों बेटों व पत्नी की शिनाख्त की। एसीपी महानगर ने बताया कि मधु का पति प्राइवेट नौकरी करता था। दो साल पहले उसकी नौकरी चली गयी थी। जब से वह कोई काम नहीं कर रहा था। घर में इस बात को लेकर भी पति-पत्नी में विवाद होता था। हालांकि पति का कहना है कि आज उन दोनों के बीच विवाद नहीं हुआ था। पुलिस शवों को पोस्टमॉर्ट के लिए भेजने के साथ ही मामले की गहनता से जांच कर रही है।
वहीं शशिभूषण का कहना था कि वह आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे चाचा को दिखाने के लिए पीजीआइ गया था। करीब साढ़े सात बजे मां का पड़ोसी के मोबाइल से कॉल आया और उसने बताया की जब वह साड़ी पहन रही थी तब मधु दोनों बच्चों को लेकर बाहर से कुंडी लगाकर निकल गई। इसपर पड़ोस की मदद से दरवाजा खुलवाया और बाहर आ पाई। उसके कुछ देर बाद हादसे की जानकारी मिली। समझा जा रहा है कि सास-बहू के झगड़े के बाद मधु ने बेटों समेत जान देने का खौफनाक फैसला किया होगा।
दूसरी ओर पुलिस की पूछताछ में शशि भूषण ने बताया की कोरोना आने से पहले वह प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। कोरोनाकाल के दौरान हालात खराब होने के चलते उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। पिता सूचना विभाग से रिटायर्ड थे। उसी की पेंशन शशिभूषण की मां को मिलती थी। जिससे घर का खर्च चलता था।
सास से भी होती थी बहस, पति खा रहा था बाहर
पुलिस के मुताबिक शशिभूषण पिछले एक महीने से घर खाना नहीं खा रहा था। उसने बताया की पत्नी की घरेलू बातों को लेकर अक्सर उसकी सास से बहस होती थी। इसके बाद शशिभूषण से भी लड़ाई होती थी। ऐसे में शशिभूषण पिछले एक महीने से घर का खाना न खाकर बाहर खाना खा रहा था। इसको लेकर भी घर में टेंशन बनी रहती थी।
घटना की जांच कर रहे एसआइ रमेश कुमार पटेल ने बताया कि मधु का मायका गाजीपुर जिले में है। जानकारी मिलने पर उनके घरवाले भी आ गए हैं, हालांकि रात नौ बजे तक उनकी ओर से कोई तहरीर नहीं दी गयी थी।