मायावती ने भंग की बसपा की मंडल, कोऑर्डिनेटर व जोन व्‍यवस्‍था, इन नेताओं को दी जिम्‍मेदारी

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में हाल ही में विधानसभा उपचुनाव में बसपा को मिली करारी शिकस्‍त के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को बीएसपी में कई बड़े बदलाव किए हैं। मायावती ने आज कोऑर्डिनेटर, मंडल व जोन व्यवस्था भंग कर दी है। साथ ही उन्‍होंने बसपा में सेक्टर व्यवस्था लागू करने का भी ऐलान कर दिया है।

बसपा की समीक्षा बैठक में आज मायावती ने दलित-मुस्लिम समीकरण को ताकत देने और बूथस्तरीय संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया। मुस्लिमों की बसपा से नाराजगी जाहिर होती देख मायावती ने प्रदेश अध्यक्ष और संसदीय दल नेता जैसे महत्वपूर्ण पदों पर मुसलमान नेताओं को आसीन किया। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर मुनकाद अली को बनाए रखने के साथ संसदीय दल नेता पद पर दानिश अली को तैनात किया है। समझा जा रहा है कि कई महत्‍वपूर्ण मुद्दे पर भाजपा के साथ संसद में बसपा को खड़ा देख मुस्लिम मतदाताओं ने बीएसपी से दूरी बनाए रखने में भलाई समझी है।

यह भी पढ़ें- मायावती ने कहा, सपा को कुछ सीटें जिताने व BSP को एक भी सीट नहीं जीतने देने के पीछे भाजपा का षड्यंत्र

वहीं अगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत बसपा यूपी को चार सेक्टर में विभाजित कर कार्य करेगी और सेक्टर व बूथ कमेटियों को मजबूत बनाने पर ध्यान देगी। मायावती ने कार्यकर्ताओं से 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्रवान किया है।

2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बसपा ने नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत विधानसभा प्रभारी बनाए जाएंगे। हर जिले में तीन प्रभारी होंगे। जिनका मुख्य काम विधानसभा चुनाव की तैयारियां कराना और सर्वसमाज को पार्टी से जोड़ना होगा।

यह भी पढ़ें- एक बार फिर बसपा सुप्रीमो बनते ही बोलीं मायावती, कांग्रेस और पंडित नेहरू ही हैं कश्‍मीर समस्या की मूल जड़

बामसेफ को पार्टी के लिहाज से अधिक सक्रिय करने के लिए वर्तमान में सभी पदों की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। नई व्यवस्था में जिला संयोजक, विधानसभा संयोजक और सेक्टर संयोजक बनाए जाएंगे। इन पदों पर ऐसे लोगों को रखा जाएगा जो कार्यालय का खर्च निकाल सके।

सुरक्षित सीटों पर पार्टी की सफलता तय करने के लिए अपर कास्ट व पिछड़े वर्ग के जिम्मेदार नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इस के तहत पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा, सांसद श्याम सिंह यादव, बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा, विधायक उमाशंकर सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर और पूर्व मंत्री गया चरण दिनकर को जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी नेता अपने समाज में पैठ बढ़ाकर सुरक्षित सीटों के प्रत्याशियों कि सफलता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।

आज माल एवेन्यू स्थित कार्यालय में मायावती ने करीब दो घंटे चली बैठक में उपचुनाव में हार को बसपा कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराने के लिए सपा-भाजपा की मिली-जुली साजिश करार दिया।

बैठक के बाद मायावती ने बयान जारी कर सपा, भाजपा व कांग्रेस पर निशाना साधा। उपचुनाव में बसपा को हराने का आरोप उन्‍होने भाजपा व सपा पर लगाया। मायावती की मानें तो एक-दूसरे को कोसने वाली सपा व भाजपा ने यूपी उपचुनाव में भीतरी गठबंधन कर रखा था, जिसकी वजहें से बसपा को नुकसान उठाना पड़ा।

जानें कैसा होगा बीएसपी पुनर्गठित सांगठनिक ढांचा-

सेक्टर वन- लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर व मेरठ मंडल

टीम वन- गिरीश चंद जाटव, कमल सिंह, शमसुद्दीन रानी व राजकुमार गौतम।

टीम टू- राम जी गौतम, भीमराव अंबेडकर व रामकुमार कुरील।

यह भी पढ़ें- अखिलेश का मायावती को झटका, BSP के कद्दावर नेता को किया सपा में शामिल, योगी सरकार पर भी लगाएं सं‍गीन आरोप

सेक्टर दो- आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट व झांसी मंडल

टीम वन- धरमवीर, अशोक, आर एस कुशवाहा व लालाराम अहिरवार।

टीम टू- नौशाद अली, चिंतामणि व जितेंद्र संखवार।

यह भी पढ़ें- मायावती के बयान पर आजम खान का पलटवार, नहीं कहनीं चाहिए इतनी हल्‍की बात

सेक्टर तीन- इलाहाबाद, मिर्जापुर, अयोध्या व देवीपाटन मंडल।

टीम वन- अशोक सिद्धार्थ, अशोक गौतम व जितेंद्र पाल।

टीम टू- दिनेश चंद्र लाल व बहादुर रत्नाकर।

यह भी पढ़ें- मायावती ने मुनकाद अली को बनाया बसपा का प्रदेश अध्यक्ष, इन नेताओं को भी दी अहम जिम्मेदारी

सेक्टर चार- वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर व बस्ती मंडल।

टीम वन- मुनकाद अली, सुधीर कुमार भारती व इंदल राम।

टीम टू- घनश्याम खरवार, डॉक्टर मदन राम व राम चंद्र गौतम।