इंडोनेशिया में आया 6.0 तीव्रता वाला भूकंप, घरों से बाहर निकले लोग

भूकंप
फाइल फोटो।

आरयू इंटरनेशनल डेस्‍क। दुनियाभर में कहर बरपा रहे कोरोना संक्रमण के बीच रह-रहकर आ रहे भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल रखा है। वहीं शनिवार को इंडोनेशिया में आए भूकंप तेज झटकों ने लोगों को हिला दिया। लोग अपने-अपने घरों से बाहर आए। ये भूकंप इंडोनेशिया के जावा द्वीप के तट पर था, जिसकी तीव्रता 6.0 दर्ज की गई है। भूकंप के कारण कुछ इमारतों के क्षतिग्रस्‍त होने की खबर है।

संयुक्त राज्य भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण में यह पता चला है कि यह द्वीप में भारी भूकंप था, लेकिन कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई थी। भूकंप पूर्वी जावा में मलंग शहर से लगभग 45 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में 82 किलोमीटर (50 मील) की गहराई पर भूकंप आया था। हताहतों की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं थी, लेकिन टेंपल ने कई मिलियन लोगों के शहर मलंग को हिला दिया। एक बयान में निवासी इदा मगफिरोह ने स्‍थानीय मीडिया को बताया कि “यह बहुत मजबूत था और लंबे समय तक चला,” उन्होंने कहा कि “सब कुछ बह रहा था।”

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इंडोनेशिया के भूकंप एवं सुनामी केंद्र के प्रमुख रहमत त्रियोनो ने एक बयान में बताया कि भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर स्थित था, लेकिन भूकंप के झटके में सुनामी उत्पन्न करने की क्षमता नहीं थी। उन्होंने लोगों से मिट्टी या चट्टानों के ऐसे ढलानों से दूर रहने का आग्रह किया जहां भूस्खलन का खतरा हो। प्रांत के कुछ हिस्सों में लोगों ने कुछ सेकंड के लिए मध्यम स्तर के झटके महसूस किए। आपदा एजेंसी ने पड़ोसी शहर मलंग के ब्लीतर स्थित एक अस्पताल के क्षतिग्रस्त छत की तस्वीरें जारी कीं, जबकि कुछ घरों की छतें कथित तौर पर क्षतिग्रस्त हो गईं हैं।

मालूम हो कि 2018 में, सुलावेसी द्वीप पर पलाउ में 7.5 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद आई सुनामी ने 4,300 से अधिक लोगों को मृत या लापता कर दिया। वहीं 26 दिसंबर, 2004 को, जब सुमात्रा के तट पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था, और इंडोनेशिया में लगभग 170,000 सहित पूरे क्षेत्र में एक सूनामी फैल गई थी, जिससे 220,000 लोग मारे गए थे। यह दर्ज इतिहास में सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक था।

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