आरयू वेब टीम।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देने के लहजे में कहा कि सुशील मोदी ने 300 करोड़ रुपये का एनजीओ घोटाला किया है। वे अपने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जेल भेजें। इसके साथ ही उन्होंने 27 अगस्त को पटना की रैली में नया नारा ‘दंगाई सब भारत छोड़ो, सुशील मोदी बिहार छोड़ो’ के विषय में भी बताया।
लालू यादव ने रांची के राजकीय अतिथिशाला में कहा कि भागलपुर में सृजन नाम के एनजीओ ने 300 करोड़ का घोटाला किया। इस एनजीओ की प्रमुख मनोरमा देवी हैं। इस एनजीओ के माध्यम से 2005-2016 के दौरान पैसे की निकासी की गई। इस दौरान सुशील मोदी बिहार के वित्त मंत्री थे। मोदी ने यह सब होने दिया और इस पर कभी रोक लगाने की कोशिश नहीं की।
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नीतीश पर हमला बोलते हुए लालू ने कहा कि सुशासन बाबू जो जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले पानी-पानी हो गए हैं। ये घोटाला नीतीश कुमार और सुशील मोदी के शासनकाल में हुआ। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार को इस दिशा में कदम उठाने के साथ ही बिना देरी के कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं 27 अगस्त को पटना की रैली में वह नया नारा देंगे ‘दंगाई सब भारत छोड़ो, सुशील मोदी बिहार छोड़ो’ के साथ रैली होगी।
लालू ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भागलपुर में मनपसंद डीएम को लगातार भेज कर और उस पर दबाव बनाकर मोदी ने यह सब काम करवाया। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले की सीबीआई जांच कराने के साथ ही सुशील मोदी को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने जो एसआइटी बनायी है, उस पर उन्हें तनिक भी भरोसा नहीं है।
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बता दें कि इस मामले को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सरकारी कार्यक्रम में उजागर किया था। नीतीश ने कहा कि सरकारी खजाने का पैसा किस तरह से एक फर्जी कारोबार के चलते कहां भेज दिया गया। इस मामले की जांच चल रही है। नीतीश की इस घोषणा के कुछ घंटे के अंदर राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की एक टीम आईजी जितेन्द्र सिंह गंगवार के नेतृत्व में विशेष विमान से भागलपुर पहुंची।
अभी तक इस मामले में तीन प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। जिसमें कई बैंक अधिकारी और सृजन नाम की एनजीओ के कई लोगों के नाम शामिल हैं। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि जैसे जैसे जांच बढ़ेगी वैसे इसके दायरे में कई और सरकारी अधिकारियों के आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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