आरयू वेब टीम।
कृषी आय पर कर लगाने वाले कयासों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्ण विराम लगा दिया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि सरकार की कृषि आय पर कर लगाने की योजना नहीं है और न ही उसका अमीर किसानों पर किसी तरह का कर लगाने का इरादा है। वित्त मंत्री ने कहा कि विरले ही किसान धनी हैं।
यह भी पढ़ें- मन की बात में बोले मोदी, VIP की जगह EPI कल्चर का बढ़े महत्व
जेटली ने कहा कि किसानों और कृषी क्षेत्र की मुश्किलों को देखते हुए कृषि आय पर कर लगाने का सवाल ही नहीं पैदा होता। किसानों पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए, बल्कि उनकी मदद की जानी चाहिए। सरकार इसको लेकर स्पष्ट है और किसी भी रूप में केंद्र सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है। कृषि आय पर कर लगाने का अधिकार राज्यों का है। कोई भी राज्य ऐसा नहीं करेगा ऐसा मेरा अपना विचार है।
यह भी पढ़ें- चौकाने वाली नहीं होगी GST की दरें: अरुण जेटली
वहीं नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने पिछले महीने कहा था कि मौसमी उतार-चढ़ाव को समायोजित करने के बाद किसानों की आय पर अन्य नागरिकों के समान कर लगना चाहिए, जिस पर वित्त मंत्री ने कहा कि मैं पहले ही इसका खंडन कर चुका हूं और हम कृषी कर के पक्ष में नहीं हैं। अमीर किसान विरले ही हैं।
अमीर किसानों की बात करते हुए जेटली ने कहा कि देश में अमीर किसान कोई सामान्य बात नहीं, बल्कि एक अपवाद है। ऐसे में जबकि आपको मुश्किल में पड़े कृषि क्षेत्र की मदद की जरूरत है, वहां कर लगाने की कोई बात नहीं हो सकती है और यह इसका समय नहीं है।
यह भी पढ़ें-मोदी ने शुरु की सस्ती उड़ान सेवा, कहा हवाई जहाज में उड़ सके हवाई चप्पल वाला
जेटली ने कहा कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया भी स्पष्ट कर चुके हैं कि कृषि आय पर कर लगाने का विचार देबरॉय की निजी राय है। यह आयोग का विचार नहीं है।