आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल राम नाईक से गुरुवार को मुलाकात कर जनपद पीलीभीत, लखीमपुर समेत प्रदेश के अन्य जनपदों में पूर्वांचल के निवासियों को 60 वर्ष पूर्व उपनिवेशन की जमीन दिये जाने के बाद भी भूमिधरी का अधिकार अब तक न दिए जाने के संबंध में ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में इन लोगों को भूमिधरी का अधिकार दिए जाने के साथ ही 14 अन्य मांगे भी शामिल हैं।
रालोद ने इन मांगों को भी राज्यपाल के सामने उठाया
प्रतिनिधि मण्डल ने ज्ञापन के द्वारा कहा है कि यूपी में सरकारी धान क्रय केंद्रों पर किसानों का धान नहीं तौला जा रहा है और किसान अपना धान औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर है, इसलिए लेकर धान खरीद तुरंत चालू करायी जाए। इसके अलावा किसानों को सरकारी समर्थन मिले तथा फर्जी धान खरीद रोक लगे, पीलीभीत में शारदा नदी पर तटबंध बनाने, शारदा नदीं पर घनारा घाट पुल बनाने तथा शारदा नदीं में पीलीभीत से लखीमपुर तक खनन का पटटा चालू कराने, किसानों को धान काटने के बाद पराली को नष्ट करने वाले यंत्रों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराने, पीलीभीत की शेरपुर कलां को नगर पंचायत बनाने, पूरनपुर के चंदिया हजारा व राहुलनगर मे वन विभाग की जमीन पर 60 साल पहले बसाए गए विस्थापित बंगाली परिवारों के जमीन नाम कराए जाने की मांगें शामिल थीं।
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राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद, राष्ट्रीय महासचिव शिवकरन सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे, प्रदेश उपाध्यक्ष मंजीत सिंह एवं हाजी वसीम हैदर, युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष अम्बुज पटेल, रालोद के प्रदेश सचिव मनोज सिंह चौहान, रमावती तिवारी एवं चंद्रकांत अवस्थी, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता रोहित अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य मो. मियां छोटे खां, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सरदार परमेंदर सिंह, जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पीलीभीत हरप्रीत सिंह तथा पीलीभीत के समाजसेवी हरदीश सिंह शामिल थे।