दुखद: कन्‍नौज बस अग्निकांड के बाद किसी परिवार के पांच तो किसी के दो सदस्‍यों का नहीं चल रहा पता, कुल नौ यात्रियों की तलाश में भटक रहें परिजन

कन्‍नौज के छिबरामऊ
हादसे के दौरान जलती बस व ट्रक। (फाइल फोटो)

आरयू संवाददाता, कन्‍नौज। कन्‍नौज के छिबरामऊ इलाके में शुक्रवार की रात हुए दर्दनाक बस अग्निकांड के बाद यात्रियों के परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। अपने हंसते-खेलते परिवार को बस से विदा करने के बाद अब परिजन उन्‍हें रोते-कलपते तलाश कर रहें हैं।

फर्रुखाबाद के एक परिवार के पति-पत्‍नी समेत तीन मासूम बच्‍चों का जहां पता नहीं चल सका है। वहीं कासगंज निवासी एक महिला व उसका चार साल का मासूम बेटा भी नहीं मिल रहा। इसके अलावा दो अन्‍य परिवारों से संबंधित एक युवक व युवती लापता है।

हादसे के दूसरे दिन इनके परिजन कभी घटनास्‍थल के आसपास के गांववालों को इनकी तस्‍वीर दिखाकर ढूढ़ते नजर आएं तो कभी उन अस्‍पतालों का चक्‍कर काट रहे थे, जहां हादसे में घायल लोग भर्ती थे।

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इसके अलावा किसी राहत भरी उम्‍मीद की आस में परिजन कन्‍नौज के तमाम अन्‍य अस्‍पतालों में भी इस उम्‍मीद से भटक रहे थे कि शायद किसी ने इन्‍हें अपने निजी वाहनों के जरिए वहां ले जाकर भर्ती करा दिया हो, हालांकि रोते-कलपते दिन भर की भाग-दौड़ के बाद लापता लोगों के परिजनों के हाथ शनिवार शाम तक मायूसी ही लगी थी।

कन्‍नौज पुलिस के अनुसार इनका नहीं चल सका है पता

फर्रुखाबाद निवासी लईक अहमद (45), लईक की पत्‍नी (44), बेटी सादिया (12), बेटा शान (10) व सैफ (07)। लईक के परिवार को तलाश करने के लिए उसका भाई रईस अहमद भटकता रहा।

वहीं कासगंज निवासी नूरी (32) व नूरी की चार साल की बेटी सानिया। मां-बेटी को ढूंढने के लिए सानिया के मामा अन्‍य रिश्‍तेदारों के साथ किसी उम्‍मीद की तलाश में भटक रहे थे।

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इसके अलावा फर्रुखाबाद निवासी प्रिया राठौर को उसकी मां उर्मिला और मैनपुर निवासी अजय कुमार यादव को उसका भाई विजय यादव ढूंढता रहा। ये सभी नौ लोग हादसे के समय बस में सवार थे।

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