आरयू संवाददाता,
इलाहाबाद। कार्यपालिका और न्यायपालिका को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और उन्हें एक दूसरे का पूरक होना चाहिए। हमारा संविधान न्यायपालिका को पूरी स्वतंत्रता प्रदान करता है। साइबर क्राइम ने न्यायपालिका में एक नए अध्याय की शुरुआत की है। उन्हें उम्मीद है कि न्यायपालिका ने साइबर क्राइम से उपजे खतरों को बखूबी पहचाना है और उससे निपटने के लिए खुद को तैयार कर रही है।
उक्त बातें उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के नए एनेक्सी भवन का उद्घाटन करने के बाद कही। उन्होंने हाईकोर्ट के150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह से जुड़ने पर खुशी जाहिर की। एएमए सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि मुकदमों के बढ़ते दबाव के मद्देनजर अदालतों को चाहिए कि न्याय के नए तरीके जैसे लोक अदालत, ग्राम न्यायालय और फास्ट ट्रैक कोर्ट को बढ़ाएं।
वैंकेया ने नसीहत देते हुए आगे कहा कि उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति कांच के घरों में रहते हैं। समाज उन्हें रोल मॉडल की तरह देखता है। लोग उनकी कार्यशैली में किसी भी तरह की गिरावट को स्वीकार नहीं करते। नेताओं के व्यवहार, उनकी वाणी और उनके विचार की लगातार समीक्षा होती रहती है। इसलिए गलती करने से बचना चाहिए।
इस अवसर पर कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सिद्धार्थनाथ सिंह समेत कैबिनेट मंत्री और हाईकोर्ट के जज शामिल रहे।
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इससे पहले आज सुबह उप राष्ट्रपति एम वेंकैया भरतीय वायुसेना के विमान से इलाहाबाद पहुंचे। इलाहाबाद एयरपोर्ट पर राज्यपाल राम नाईक और सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया था। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, सिद्धार्थनाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ तथा इलाहाबाद की महापौर नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहीं।
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