आरयू वेब टीम। देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में मौजूद 24 लोग अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जबकि अब तक सात लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत हो चुकी है। फिलहाल तबलीगी के दिल्ली मुख्यालय, यानी मरकज निजामुद्दीन को सील कर दिया गया, और वहां रह रहे लोगों को बसों से ले जाकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में क्वारेन्टाइन किया जा रहा है।
वहीं मंगलवार की सुबह जानकारी देते हुए केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मरकज भवन निजामुद्दीन में मौजूद 24 लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है।
साथ ही आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि मरकज में 15 से 16 सौ के आसपास लोग हैं। 1033 लोगों को निकाला जा चुका है। जिनमें से 334 लोगों को अस्पताल और 700 के करीब लोगों को क्वारंटीन सेंटर भेजा गया है। स्क्रीनिंग चल रही है। मरकज में ठहरे 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने तबलीगी जमात के आयोजकों पर नाराजगी जाहिर करते हुए मीडिया से यह भी आज कहा है कि आयोजक ने बहुत ही घोर अपराध किया है। पूरे देश और दिल्ली के अंदर आपदा और महामारी रोग एक्ट लागू था। मैंने खुद एलजी को इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार ने इन लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का भी निर्देश दिया है।
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान समेत 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने 13 से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में हिस्सा लिया था।
वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक की है। बैठक में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य मंत्री व नेता मौजूद रहें।
मोहल्ला क्लीनिक का एक और डॉक्टर मिला कोरोना से संक्रमित
वहीं मंगलवार को मोहल्ला क्लीनिक के एक और डॉक्टर में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। दिल्ली के बाबरपुर में मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। जिसके बाद हड़कंप मच गया है। सरकार की ओर से 12 से 20 मार्च के बीच क्लीनिक आए मरीजों को अगले 15 दिनों के लिए होम क्वारंटीन होने के लिए कहा गया है। आशंका है कि डॉक्टर से मरीजों को भी कोरोना वायरस हो सकता है।
जमात के तीन सौ लोगों को कोरोना वायरस की जांच के लिए
इससे पहले सोमवार को जमात के ग्रुप में शामिल तीन सौ लोगों को कोरोना वायरस की जांच के लिए दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया। वहीं निजामुद्दीन की मरकज में शामिल हुए अंडमान के नौ लोग और उनमें से एक की पत्नी कोरोना से संक्रमित पाई गईं है।
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एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार ‘‘दिल्ली में निजामुद्दीन इलाके के मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इस सभा में भाग लेने वालों में तेलंगाना के कुछ लोग भी शामिल थे।’
जानकारी के अनुसार दो लोगों की मौत गांधी अस्पताल में हुई, दो निजी अस्पतालों में एक-एक की मौत हुई, जबकि एक व्यक्ति की मौत निजामाबाद और एक व्यक्ति की मौत गडवाल शहर में हुई। इसके बाद जिलाधिकारियों के नेतृत्व में विशेष दलों ने मृतकों के संपर्क में आए लोगों का पता लगा लिया है और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
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मामले में एफआइआर के निर्देश
वहीं इस मामले में कल ही केजरीवाल सरकार ने पुलिस को मरकज के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। निजामुद्दीन मामले को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 24 मार्च को पूरे देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसके बाद होटल, गेस्टहाउस, हॉस्टल और इस तरह के प्रतिष्ठानों के मालिक और प्रशासकों की यह जिम्मेदारी थी कि वह सोशल डिस्टेंशिंग का पूरी तरफ पालन करें। ऐसा लगता है कि यहां इसका पालन नहीं किया जा रहा था। यहां कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया है, जिसके कारण कई जिंदगियां खतरे में आ गई है। प्रबंधकों का यह कृत्य आपराधिक है। प्रशासकों ने इऩ शर्तों का उल्लंघन किया है। इसके प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन के दौरान इस तरह के जमावड़े से बचना हर नागरिक की जिम्मेदारी थी और यह एक आपराधिक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है।